भुवनेश्वर। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आव्रजन ब्यूरो (बीओआई) ने एक बड़े ऑनलाइन पोंजी घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक चीनी नागरिक गुआनहुआ वांग के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया है।
मामला किया गया दर्ज
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि एलओसी ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के अनुरोध पर जारी किया गया है। बयान के अनुसार भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 66-सी
और 66-डी और ओपीआईडी अधिनियम की धारा छह के तहत मामला दर्ज किया गया है।
क्या है पूरा मामला
यह मामला आधिकारिक धोखाधड़ी और फर्जी बैंक खातों, मुखौटा कंपनियों/फर्म एवं क्रिप्टो कारोबारियों के जटिल नेटवर्क का इस्तेमाल कर भारत से सैकड़ों करोड़ रुपये की हेराफेरी से संबंधित अखिल भारतीय ऑनलाइन पोंजी घोटाले से जुड़ा है। गुआनहुआ वांग (40) चीन
के झेनजियांग राज्य में शिहु जिले के हांगझोउ शहर का निवासी है। वांग ने 2019 में बेंगलुरु के डिकेंसन रोड पर ‘बेटेक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड’ नामक कंपनी स्थापित की थी। ईओडब्ल्यू ने भी दावा किया कि वांग फर्जी निदेशकों के माध्यम से बेंगलुरु स्थिति दो और
कंपनियों गेमकैम्प सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और बायरोंटेक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड का भी मालिक था।
100 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी
ईओडब्ल्यू ने कहा कि वांग 2019 से 2020 के बीच छह बार भारत आया। ईओडब्ल्यू ने कहा कि भारत स्थित अपने सहयोगियों की मदद से वह काम कर रहा था/घोटाले को अंजाम दे रहा था। भारत स्थित उसके सहयोगी फर्जी बैंक खातों, मुखौटा कंपनियों/फर्म और क्रिप्टो
कारोबारियों का प्रबंधन/व्यवस्था पर नजर रखते थे और वे जानी मानी शख्सियतों की तस्वीरों से छेड़छाड़ कर विज्ञापन भी प्रसारित करते थे। शुरुआती जांच के अनुसार इस तरह के पैंतरे अपनाकर भारत से 100 करोड़ रुपये से अधिक की रकम की हेराफेरी की गई।
ईओडब्ल्यू ने उसकी कंपनी के खाते से करीब 70 लाख रुपये जब्त किए हैं और एफआईयू (वित्तीय खुफिया इकाई) को उसके अन्य खातों की विस्तृत जानकारी देने को कहा है।
चार साल पहले बनाई थी कंपनी
40 वर्षीय गुआनहुआ वांग चीन का रहने वाला है। साल 2019 में उन्होंने बेंगलुरु के डिकेंसन रोड में एक कंपनी बेटटेक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड बनाई। आर्थिक अपराध शाखा ने यह भी दावा किया कि वह अपने मूल निदेशकों गेमकैंप सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और
बायरॉन्टेक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से बेंगलुरु स्थित कम से कम दो अन्य कंपनियों को भी चलाता है।
छह बार आया भारत
आरोपी वांग ने साल 2019 और 2020 के बीच में 6 बार भारत का दौरा किया। आर्थिक अपराध शाखा ने कहा कि आरोपी भारत में रह रहे सहयोगियों की मदद से चीन से घोटाले को अंजाम दे रहा था।
करोड़ों की हेराफेरी
आर्थिक अपराध शाखा का कहना है कि जांच करने पर सामने आया है कि वांग की कंपनी ने 100 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी की है। कंपनी के खाते से करीब 70 लाख रुपये फ्रीज कर दिए हैं। एफआईयू (फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट) से उसके अन्य खातों का
विवरण भी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है।
पिछले एक साल में, ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने साइबर-वित्तीय मामलों के कम से कम तीन मामलों में चीनी नागरिकों द्वारा चलाए जा रहे सैकड़ों करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का पता लगाया है।
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