One Nation One Election Bill Update: एक देश एक चुनाव यानी वन नेशन वन इलेक्शन बिल लोकसभा में स्वीकार हो गया है। यह फैसला वोटिंग से हुआ। पक्ष में 269 और विपक्ष में 198 वोट पड़े। बिल से जुड़ा विधेयक आज यानी 17 दिसंबर को लोकसभा में पेश हुआ। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल इस विधेयक को सदन के पटल पर रखा।
बता दें कि बिल स्वीकार होने पर दोबारा वोटिंग हुई थी। विपक्ष के सांसदों ने जब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग पर सवाल उठाए तो गृहमंत्री अमित शाह बीच में बोले कि पर्ची बटवा दीजिए। इसके बाद वोटिंग पर्ची के माध्यम से हुई। जिसमें पक्ष में 269 वोट पड़े। इस विधेयक को ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक 2024’ नाम दिया गया है। सरकार अब इस बिल को संसद की संयुक्त समिति (JPC) के पास भेजेगी।
ये है सदन में संख्या का गणित
लोकसभा की 543 सीटों में एनडीए के पास अभी 292 सीटें हैं। दो तिहाई बहुमत के लिए 362 का आंकड़ा जरूरी है। वहीं राज्यसभा की 245 सीटों में एनडीए के पास अभी 112 सीटें हैं, वहीं 6 मनोनीत सांसदों का भी उसे समर्थन है, जबकि विपक्ष के पास 85 सीटें हैं। दो तिहाई बहुमत के लिए 164 सीटें जरूरी हैं।
बिल पर वोटिंग, पर्ची से डलेंगे वोट
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की ओर से ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ विधेयक को व्यापक विचार-विमर्श के लिए संसद की संयुक्त समिति के पास भेजने के अनुरोध के बाद बिल पर चल रही वोटिंग।
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वन नेशन वन इलेक्शन विधेयक को लेकर मशीन से वोटिंग में कई सांसदों को दिक्कत आने के बाद उनके लिए की गई पर्ची से वोट डालने की व्यवस्था की गई।
बीजेपी बोली- ये देश का मुद्दा
वहीं, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि ये किसी पार्टी का नहीं, बल्कि देश का मुद्दा है। देश देखेगा कि कैसे कांग्रेस हमेशा निगेटिव रहती है।
देश आजाद हुआ तो देश में एक देश-एक चुनाव था, लेकिन कांग्रेस ने अपने हिसाब से वो बदल दिया। देश में हमेशा चुनाव ही होते रहते हैं, जिससे देश का काफी नुकसान होता है।
जेडीयू ने किया बिल का समर्थन
वन नेशन वन इलेक्शन बिल पर जेडीयू सांसद संजय कुमार झा ने कहा कि “हमने पहले भी कहा था कि हम इसका पूरा समर्थन करते हैं कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होने चाहिए।
पंचायत चुनाव अलग-अलग होने चाहिए। जब इस देश में चुनाव शुरू हुए, तो यह वन नेशन वन इलेक्शन था, यह कोई नई बात नहीं है. विसंगतियां तब शुरू हुईं, जब 1967 में कांग्रेस ने राष्ट्रपति शासन लगाना शुरू किया, इसलिए, हम इसका समर्थन करते हैं। सरकार हमेशा चुनाव मोड में रहती है.. बार-बार चुनाव में खर्च बहुत है…”
ओवैसी और सीपीआई एम ने किया विरोध
राजस्थान से सीपीआई एम के सांसद अमराराम ने वन नेशन वन इलेक्शन बिल का विरोध किया।
एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वन नेशन वन इलेक्शन का विरोध किया। कहा- यह संघीय ढांचे पर हमला है। यह राजनीतिक लाभ लेने के लिए लाया गया है।
एनसीपी शरद गुट ने किया बिल का विरोध
एनसीपी शरद पवार गुट की सांसद सुप्रिया सुले ने वन नेशन, वन इलेक्शन बिल का विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह संघीय ढांचे पर हमला है। केंद्र और राज्य सरकारों का कार्यकाल अलग अलग रहता है, उसे एक करना ठीक नहीं है।
JPC के पास भेजने की सिफारिश!
इस विधेयक को ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक 2024’ नाम दिया गया है। सरकार अब इस बिल को पेश करने के बाद संसद की संयुक्त समिति (JPC) के पास भेजने की सिफारिश करेगी। विधेयक की कॉपी सांसदों को पहले ही सर्कुलेट कर दी गई है।
सपा और कांग्रेस के सांसदों ने किया विरोध
विधेयक के विरोध में कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी और समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने भाषण दिया। सपा के धर्मेंद्र यादव ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि जो एक साथ 8 राज्यों में विधानसभा चुनाव नहीं करा पाए वो पूरे देश में एक साथ चुनाव की बात करते हैं।
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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विरोध का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि एक तरह से ये संविधान को खत्म करने का एक और षड्यंत्र भी है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एएनआई से बात करते हुए कहा, “एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक केवल पहला मील का पत्थर है, असली उद्देश्य एक नया संविधान लाना है। संविधान में संशोधन करना एक बात है, लेकिन एक नया संविधान लाना आरएसएस और पीएम मोदी का असली उद्देश्य है।”
तेलुगु देशम पार्टी ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक का समर्थन किया
एनडीए सहयोगी टीडीपी ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक का समर्थन किया है। टीडीपी के फ्लोर लीडर लावु श्री कृष्ण देवरायलु ने कहा, “हमने आंध्र प्रदेश में देखा है कि जब एक साथ चुनाव होते हैं, तो प्रक्रिया और शासन में स्पष्टता होती है. यह हमारा अनुभव रहा है और हम चाहते हैं कि पूरे देश में ऐसा हो।”
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टीएमसी ने किया बिल का विरोध
तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने एक राष्ट्र एक चुनाव बिल का विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह बिल संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।
आप करेगी ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ का विरोध
आप के सांसद संजय सिंह ने कहा कि हमारी पार्टी वन नेशन वन इलेक्शन का विरोध करेगी। इससे देश में संविधान और लोकतंत्र ख़त्म हो जाएगा। नेताओं में चुनाव का डर होता है, अगर यहीं खत्म हो जाएगा तो देश में महंगाई चरम पर होगी।