हाइलाइट्स
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दिग्विजय 30 साल बाद लौटे राजगढ़
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राजगढ़ लोकसभा में 7 विधानसभाएं
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बीजेपी के नागर से दिग्विजय का मुकाबला
Lok Sabha Elections 2024: मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) का बिगुल बज चुका है। राजगढ़ में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस के लिए मैदान संभाल लिया है।
सिंह 30 साल बाद राजगढ़ के रण में पूरी ताकत से उतर रहे हैं। दिग्विजय सिंह ने लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) में राजगढ़ से जीत के लिए खास प्लान बनाया है।
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने राजगढ़ लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए स्पेशल स्पेशल रणनीति बनाई है।
जिसके तहत वे राजगढ़ लोकसभा में आने सभी विधानसभाओं में पद यात्रा करेंगे। इस लोकसभा में 8 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
सुसनेर विधानसभा से शुरू हुई पदयात्रा
दिग्विजय सिंह की पदयात्रा के द्वारा हार विधानसभा के वोटर्स से जनसंपर्क कर रहे हैं। वे हर विधानसभा में 60 किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे।
इस दौरान उनके समर्थक साथ रहेंगे। यह भी बताया गया कि जिन क्षेत्रों में दिग्विजय सिंह नहीं पहुंच पाएंगे, वहां पार्टी के नेता और कार्यकर्ता मोर्चा संभालेंगे।
पदयात्रा का उद्देश्य हर मतदाता तक वे अपनी पहुंच बना सकें।
तीन साल बाद लोकसभा चुनाव लड़ रहे
दिग्विजय सिंह करीब 30 साल बाद अपने गढ़ राजगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले 1984 में पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता था।
उसके बाद 1989 में बीजेपी के प्यारेलाल खंडेलवाल से हार गए थे, 1991 के लोकसभा चुनाव में फिर दिग्विजय सिंह को सफलता मिली थी।
इसके बाद पूरी तरह प्रदेश की राजनीति में रहे और 10 साल तक मध्यप्रदेश के सीएम रहे। उसके बाद अब फिर राजगढ़ से लोकसभा चुनाव में उतरे हैं।
NFL, गेल और जेपी यूनिवर्सिटी कांग्रेस की देन
जहां बीजेपी दिग्विजय सिंह को बंटाढार कह रहे उनके प्रदेश की सीएम को कोस रहे हैं। वहीं कांग्रेस का कहना है कि राजगढ़ क्षेत्र में एनएफएल, गेल और जेपी यूनिवर्सिटी समेत जितने भी बड़े काम हुए हैं वे कांग्रेस सरकार की ही देन हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता ने अवनीश बुंदेला ने कहा कि बीजेपी विकास की बात करती है।
उनके वर्तमान सांसद रोडमल नागर से जब 5 विकास के काम गिनाने की बात कही तो वे एक काम भी नहीं बता पाए। बीजेपी साम्प्रदायिक मुद्दा हवा में लाना चाहती है। जिससे कोई विकास की बात नहीं करे।
बीजेपी ने दिग्विजय की कमियां गिनाईं
इधर, बीजेपी के मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने भी बीजेपी के राजगढ़ में विकास के काम गिनाने के बदले दिग्विजय सिंह की कमियां गिनाईं।
उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्री काल में मध्यप्रदेश अविकसित हो गया। प्रदेश में भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया।
वहीं बीजेपी प्रवक्ता पंकज द्विवेदी ने कहा कि 1984 की दो सीटों वाली बीजेपी और वर्तमान बीजेपी में बहुत अंतर है। जनता मोदी की गारंटी को लेकर आश्वस्त है।
मोदी का आगामी 25 साल का विजन है। जहां तक कांग्रेस के दिग्विजय सिंह की बात करें तो वे सनातन के विरोधी, राम के काज का विरोध करते हैं।
राजगढ़ में बीजेपी- कांग्रेस में बराबरी का मुकाबला
राजगढ़ लोकसभा को लेकर जानकारों का कहना है कि बीजेपी और कांग्रेस में मुकाबला टक्कर का होगा।
वहां कांग्रेस के सामने बीजेपी के रोडमल नागर मैदान में हैं। वरिष्ठ पत्रकार दिनेश गुप्ता का मानना है कि दोनों के लिए जीत चुनौतीपूर्ण है। ऐसा नहीं है कि कोई भी आसानी से जीत जाएगा।
हालांकि दिग्विजय सिंह का लम्बा गेप एक टेंशन है। 30 साल में पूरी एक पीड़ी बदल गई है।
राजगढ़ लोकसभा में ये विधानसभाएं शामिल
राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में राजगढ़ जिले की राजगढ़, ब्यावरा, नरसिंहगढ़, खिलचीपुर और सारंगपुर विधानसभा शामिल हैं।
इसके अलावा गुना जिले की राघोगढ़ और चाचोड़ा विधानसभा के साथ ही आगर मालवा जिले की सुसनेर विधानसभा आती है।
दिग्विजय सिंह ने बनाया विनिंग प्लान
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र से दो बार सांसद रह चुके हैं। करीब 30 साल के इंतजार के बाद सिंह फिर अपने गढ़ में किस्मत आजमाने लोकसभा के दंगल में उतर गए हैं।
अब देशभर में चर्चा है कि दिग्विजय सिंह का ‘विनिंग प्लान’ सफल होता है या फिर पीएम मोदी की लहर में हवा हो जाता है।