जगदलपुर से रजत वाजपेयी की रिपोर्ट। Lok Sabha Elections 2024: बस्तर में एक बार फिर चुनावी पारा चढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। दोनों ही प्रमुख पार्टियों में संभावित प्रत्याशी को लेकर चर्चा शुरु हो चुकी है।
वर्तमान सांसद दीपक बैज ने पूरे 22 सालों के बाद भाजपा का किला ढहाते हुए बस्तर लोकसभा सीट को 2019 में कांग्रेस की थाली में जीत परोस दी थी।
इस जीत ने बैज का कद पार्टी में काफी हद तक बढ़ाया और पीसीसी चीफ की गद्दी पर आसीन हो गए। हालांकि 2023 का विधानसभा चुनाव वे चित्रकोट विधानसभा से हार गए, लेकिन कांग्रेसियों का आकलन है कि वे न केवल संगठन क्षमता के धनी हैं, बल्कि बस्तर में आदिवासी नेताओं के बीच कांग्रेस के लिए बड़ा चेहरा भी हैं।
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बिगड़ सकता है कांग्रेस का गणित?
लखेश्वर बघेल, कवासी लखमा विधानसभा में बस्तर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और इन नामों पर भी विचार संभव है, लेकिन यदि इनसे सीट खाली करवाई गई तो, विधानसभा में कांग्रेस का गणित और गड़बड़ा जाएगा।
भाजपाई दावा कर रहे हैं कि, उनकी पार्टी कैडर बेस्ड है। कांग्रेस की तरह एक परिवार या एक नाम पर नहीं चलती है। कार्यकर्ताओं और संगठन के बीच जो कुछ तय होता है, उस पर सहमति बनती है। यही वजह है कि भाजपा में दावेदारों की फेहरिस्त लंबी होती है।
बीजेपी का दावा, सभी 11 सीटों पर होगी जीत
संगठन के लोग आपसी मशविरा के बाद नाम तय किया करते हैं। भाजपाइयों को यह भी भरोसा है कि केंद्र और नरेंद्र मोदी की नीतियों के बल पर इस बार उन्हें बोनस वोट मिलेंगे और बस्तर की दोनों सीटों के साथ राज्य की 11 सीट पर भाजपा के उम्मीदवार प्रचंड मतों से जीत हासिल करेंगे।
बस्तर कभी कांग्रेस का गढ़ था। राज्य गठन के बाद भाजपा ने जो सेंध लगाई, उस गड्ढे को कांग्रेसी पाट नहीं पाए। यही वजह है कि 2018 विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद 5 साल में ही पार्टी की राज्य से विदाई भी हो गई। बहरहाल इस बार का लोकसभा चुनाव दिलचस्प रहने वाला है, ऐसे आसार अभी से नजर आ रहे हैं।
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