हाइलाइट्स
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फैजाबाद सीट पर सपा की जीत ने सबको चौंकाया
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सपा के अवधेश प्रसाद ने बीजेपी के लल्लू सिंह को हराया
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मोदी ने रोड शो और योगी ने 3 रैलियां कीं
Ayodhya Lok Sabha Result: लोकसभा चुनाव 2024 में इस बार भी एनडीए ने बहुमत तो हासिल कर लिया, लेकिन यूपी में मोदी-योगी का जादू नहीं चला।
इतना ही नहीं भगवान श्रीराम की अयोध्या में ही बीजेपी को बड़ा झटका लगा है।
अयोध्या राम मंदिर निर्माण का मुद्दा बीजेपी के चुनाव-प्रचार का अहम हिस्सा रहा। चुनाव की घोषणा के बाद मोदी ने यहां रोड शो किया।
सीएम योगी ने भी 3 रैलियां कीं। इसके बाद भी सपा के अवधेश प्रसाद ने 56 हजार से ज्यादा वोटों से बीजेपी के लल्लू सिंह को हरा(Ayodhya Lok Sabha Result) दिया।
बीजेपी की इस हार ने यूपी में 1993 में हुए विधानसभा चुनाव की याद दिला दी।
उस समय विधानसभा चुनाव में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और बसपा के काशीराम एक साथ आए थे।
कुछ वैसी ही स्थिति इस बार भी देखी गई। यूपी के सियासी मैदान में अखिलेश यादव और राहुल गांधी एक साथ आए
और बीजेपी को पिछले एक दशक में सबसे बड़ी हार का सामना करना (Ayodhya Lok Sabha Result) पड़ा।
आइये जानते हैं बीजेपी को अयोध्या में हार का क्यों सामना करना पड़ा।
बीजेपी का फोकस अयोध्या धाम पर रहा, ग्रामीण क्षेत्रों को नजरअंदाज किया
बीजेपी ने अयोध्या धाम के विकास पर सबसे ज्यादा फोकस किया। सोशल मीडिया से लेकर चुनाव-प्रचार में अयोध्या धाम में हुए विकास कार्यों को खूब बताया गया,
लेकिन बीजेपी ने अयोध्या के ग्रामीण क्षेत्रों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया।
अयोध्या धाम से फैजाबाद लोकसभा सीट के ग्रामीण क्षेत्र की तस्वीर बिल्कुल अलग रही।
ग्रामीणों ने इसी आक्रोश के चलते बीजेपी के पक्ष में मतदान नहीं (Ayodhya Lok Sabha Result) किया।
रामपथ निर्माण के लिए तोड़े गए घर, पर मुआवजा नहीं मिला
अयोध्या में रामपथ के निर्माण के लिए लोगों की निजी जमीन का अधिग्रहण किया गया। कई लोगों के घर-दुकान तोड़े गए।
परन्तु बहुत सारे लोगों को मुआवजा नहीं मिला। इसकी नाराजगी चुनाव परिणाम में तब्दील हो गई।
इससे मिलती- जुलती स्थिति ही चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग के चौड़ीकरण में भी देखने को मिली।
बड़ी संख्या में घर-दुकान तोड़े गए, लेकिन प्रभावितों का ख्याल नहीं रखा गया।
बीजेपी प्रत्याशी लल्लू सिंह के खिलाफ नाराजगी
बीजेपी ने सांसद लल्लू सिंह पर भरोसा जताते हुए तीसरी बार चुनावी मैदान में उतारा (Ayodhya Lok Sabha Result) था।
लल्लू सिंह के खिलाफ स्थानीय लोगों की नाराजगी का अंदाजा बीजेपी नहीं लगा पाई। नतीजतन बीजेपी को प्रतिष्ठित सीट गंवानी पड़ी।
लल्लू सिंह ने चुनाव-प्रचार के दौरान संविधान बदलने का बयान भी दिया था। जिस बयान पर काफी हो-हल्ला मचा था।
आवरा पशु को लेकर नाराजगी
अयोध्या के ग्रामीण क्षेत्रों में किसान आवारा पशुओं से खासे परेशान हैं। सरकार ने गोशाला जरूर बनाई हैं,
लेकिन स्थायी समाधान नहीं निकाल पाई है, आवारा पशुओं के मुद्दे को समाजवादी पार्टी ने मुद्दा बनाया था।
बीजेपी को इस मुद्दे पर नाराजगी झेलनी पड़ी और हार का मुंह देखना (Ayodhya Lok Sabha Result) पड़ा।
सपा का ग्रामीण क्षेत्रों में फोकस
सपा की लोकल यूनिट के फीडबैक के आधार पर अखिलेश यादव और सपा के स्थानीय संगठन ने अयोध्या से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों पर फोकस किया।
दो चुनावी संभाएं कीं। इस दौरान अखिलेश ने मंदिर पर तो कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन ग्रामीणों को शहर में हो रही परेशानियां से रूबरू कराया।
जमीन अधिग्रहण, मुआवजे का मुद्दा और युवाओं को नौकरी नहीं मिलने की बात को खूब उठाया।
साथ ही वोटर्स की बीजेवी नेताओं के खिलाफ नाराजगी (Ayodhya Lok Sabha Result) को कैश करने की कोशिक की।
जातीय समीकरण में उलझ गई बीजेपी
अयोध्या में ओबीसी 22 %, दलित 21%, मुस्लिम 19%, ठाकुर 6%, ब्राह्मण 18% और वैश्य 10% के करीब हैं।
अखिलेश यादव ने यहां पीडीपी फॉर्मूले को अपना कर दलित, मुस्लिम और ओबीसी कॉम्बिनेशन ने मजबूत किया।
अखिलेश ने पिछले दो लोकसभा चुनाव से जातीय गणित को समझा और इस बार कांग्रेस को साथ लेकर चुनाव लड़ा।
इससे दलित, ओबीसी और मुस्लिम वोट सपा की झोली में आए। जिससे फैजाबाद लोकसभा सीट पर सपा ने जीत दर्ज (Ayodhya Lok Sabha Result) की।
हिंदू वोट को बांटने में इंडी गठबंधन सफल रहा
इस बार इंडी गठबंधन हिंदू वोटर्स को बांटने में कामयाब रहा। वहीं मुस्लिम वोट एकजुट होकर गठबंधन के पक्ष में गया।
इसके अलावा दलित वोट, ओबीसी, ब्राह्मण और ठाकुर मतदाताओं की नाराजगी ने बीजेपी से दूरी बनाई। जिससे भाजपा को हार झेलनी (Ayodhya Lok Sabha Result) पड़ी।
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फैजाबाद 68 साल पुरानी सीट, 7 बार कांग्रेस और 4 बार भाजपा जीती
फैजाबाद सीट पर पहली बार 1957 में लोकसभा चुनाव हुआ था। तब से अब तक यहां 7 बार कांग्रेस और 4 बार भाजपा ने जीत हासिल की है।
इसके अलावा सपा, बसपा और भारतीय लोक दल भी यहां से जीत हासिल कर चुकी है।
हालांकि, बीते दस साल यानी कि दो बार से फैजाबाद सीट पर बीजेपी का कब्जा था।
इस बार (2024) बीजेपी का हार का सामना करना (Ayodhya Lok Sabha Result) पड़ा।