हाइलाइट्स
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राजनांदगांव हाईप्रोफाइल सीट पर मतदान खत्म
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बीजेपी-कांग्रेस दोनों ने खूब लगाया दम
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यहां मुद्दों के साथ आरोपों की भी खूब हुई बौछार
Lok Sabha Election 2024: छत्तीसगढ़ में भी दूसरे चरण का रण खत्म हो चुका है. दूसरे दौर में सबसे ज्यादा चर्चा राजनांदगांव सीट की रही. राजनांदगांव का रण जीतने के लिए बीजेपी-कांग्रेस दोनों ने खूब दम लगाया. भूपेश बघेल के कांग्रेस उम्मीदवार घोषित होते ही राजनांदगांव की चर्चा पूरे देश में हुई. तो बीजेपी ने सांसद संतोष पांडेय पर फिर से भरोसा जताया. हाईप्रोफाइल सीट होने की वजह से यहां मुद्दों के साथ आरोपों की बौछार भी खूब हुई. दरअसल दोनों ही पार्टियां राजनांदगांव से पूरे प्रदेश को एक सियासी संदेश देने की कोशिश कर रही हैं. राजनीतिक विश्लेषक भी इसको स्वीकार कर रहे हैं.
वरिष्ठ पत्रकार राम अवतार तिवारी ने कहा कि बीजेपी की रणनीति हिंदूत्व की राजनीति की है. डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने आखिर समय में कहा कि भूपेश बघेल हिंदू समर्थक नहीं है. तो वहीं भूपेश बघेल कांग्रेस के घोषणा पत्र को प्रमुख मुद्दा बनाने की कोशिश की. साथ ही जातिगत समीकरण को साधने की कोशिश की.
कांग्रेस बीजेपी कर रहे जीत के दावे
छत्तीसगढ़ में इससे पहले भी कई बार चुनावों (Lok Sabha Election 2024) में राजनीतिक संदेश देने की कोशिश हुई है. इससे पहले 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भ्रष्टाचार के साथ ही कई मुद्दे उठाकर प्रदेश की जनता को संदेश दिया था. तो 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने युवा, महिला, किसान को साधने अलग रणनीति से सियासी संदेश दिया. अब लोकसभा चुनाव में बीजेपी हिंदूत्व के मुद्दे पर राजनांदगांव में कांग्रेस को घेरकर संदेश दे रही है. तो कांग्रेस भूपेश के सहारे मजबूती से मैदान में डटे रहने का मैसेज दे रही है. दोनों तरफ से जीत के दावे भी हो रहे हैं.
बीजेपी 2 लाख से अधिक वोटों से जीतेगी: कश्यप
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जो पांच साल हमने जनता की सेवा की है. किसानों, मजदूरों और महिलाओं के हितों में काम किया है उसका परिणाम मिलेगा. साथ ही कहा कि हमारा घोषणा पत्र बड़ा कारगर साबित हो रहा है. तो वहीं कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने दावा किया कि राजनांदगांव में बीजेपी 2 लाख से अधिक वोटों से जीतेगी. उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल का जादू कहीं नहीं चलता है. उनके कार्यकर्ता ही उन्हें भगाना चाहते हैं.
राजनांदगांव का रण दिलचस्प है. भूपेश बघेल पर दांव खेलकर प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस ने पार्टी को संजीवनी देने की कोशिश की है. तो वहीं बघेल सरकार के कार्यकाल में हुए कामों में संप्रदायिकता और भगवा के अपमान की बात उठाकर बीजेपी प्रदेश को मैसेज दे रही है. राजनांदगांव से संदेश दिया जा चुका है. ये संदेश प्रदेश की सियासत में किसके लिए ट्रंप कार्ड साबित होगा. 4 जून को पता चलेगा.
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