हाइलाइट्स
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बीजेपी ने कैसरगंज और रायबरेली से घोषित किया प्रत्याशी
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विवादों के चलते बृजभूषण सिंह का टिकट कटा गया
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रायबरेली से अभी कांग्रेस के प्रत्याशी का इंतजार
Lok Sabha Chunav 2024: उत्तर प्रदेश की कैसरगंज लोकसभा सीट से सांसद बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काट दिया गया है।
बीजेपी ने गुरुवार, 2 मई को कैसरगंज और रायबरेली लोकसभा सीट (Lok Sabha Chunav 2024) के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है।
इसी बीच उनके बेटे करण भूषण ने चार सेट नामांकन पत्र खरीद लिया। ऐसी चर्चा है कि सांसद बृजभूषण की जगह बीजेपी उनके बेटे करण भूषण को प्रत्याशी बनाएगी।
फिलहाल उम्मीदवारी की आधिकारिक घोषणा का इंतजार है। रायबरेली से बीजेपी ने दिनेश प्रताप सिंह को मैदान में उतरा है। यहां कांग्रेस ने अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।
रायबरेली सीट पर 3 मई को पर्चा दाखिल रकने की अंतिम तारीख है।
सोशल मीडिया पर मैसेज वायरल
गुरुवार को बृजभूषण शरण सिंह के बेटे करण भूषण सिंह निवासी विश्नोहरपुर, नवाबगंज ने कैसरगंज सीट से बीजेपी प्रत्याशी (Lok Sabha Chunav 2024) के तौर पर चार सेट फॉर्म लिया।
जानकारी के मुताबिक, बृजभूषण शरण सिंह के बड़े बेटे ने सोशल मीडिया पर एक ग्रुप पर कैसरगंज से करण के नाम को लेकर मैसेज भी डाला है। चर्चा है कि करण भूषण कल नामांकन करेंगे।
जानें कौन हैं करण भूषण
करण भूषण, बृजभूषण शरण सिंह के छोटे बेटे हैं। बड़े बेटे प्रतीक भूषण गोंडा सदर से विधायक हैं।
ऑस्ट्रेलिया से बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई कर चुके करण भूषण उत्तर प्रदेश भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं।
वह 2018 में उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष चुने गए थे। करण भूषण सिंह का जन्म 13 दिसंबर 1990 को हुआ था।
करण भूषण सिंह की एक बेटी और एक बेटा है। वह डबल ट्रैप शूटिंग के नेशनल खिलाड़ी रह चुके हैं। करण भूषण के लिए पहला मौका होगा जब वह चुनाव लड़ेंगे।
हालांकि, पिता बृजभूषण शरण सिंह और बड़े भाई प्रतीक भूषण के चुनाव प्रचार में करण काफी सक्रिय देख जाते रहे हैं।
कौन हैं बीजेपी प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह
जमीनी स्तर की राजनीति से शुरुआत करने वाले दिनेश प्रताप सिंह वर्तमान में योगी सरकार में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री हैं।
पहली बार 2004 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधान परिषद का चुनाव लड़े थे, लेकिन बीजेपी के प्रत्याशी से चुनाव हार गए।
बाद में 2007 में बसपा के प्रत्याशी के तौर पर तिलोई विधानसभा से विधानसभा का चुनाव लड़े, लेकिन वहां भी इन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा। उसके बाद दिनेश प्रताप ने कांग्रेस में किस्मत आजमाई। अब एक बार फिर लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Chunav 2024) में रायबरेली से बीजेपी ने प्रत्याशी बनाया है।
दिनेश को कद, पद और ख्याति कांग्रेस में मिली
कांग्रेस पार्टी में दिनेश प्रताप को कद, पद और ख्याति, तीनों ही मिले। पहली बार 2010 में एमएलसी बने और 2011 में उनकी भाभी जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं।
फिर 2016 में दोबारा एमएलसी बने और इनके भाई जिला पंचायत अध्यक्ष बने। उनके एक भाई 2017 में हरचंदपुर से कांग्रेस पार्टी से विधायक बने।
फिर 2019 के आते-आते इनका कांग्रेस पार्टी से मोह भंग हो गया और ये बीजेपी में शामिल हो गए।
2019 में रायबरेली से थे प्रत्याशी, सोनिया गांधी से हारे
बीजेपी में शामिल होने के बाद इन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी के सामने बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा और करीब पौने 4 लाख वोट हासिल किए, लेकिन चुनाव हार गए।
सोनिया गांधी ने दिनेश प्रताप सिंह को 1,67,178 वोटों से हराकर रायबरेली की अपनी सीट बरकरार रखने में कामयाबी हासिल की थी।
दिनेश प्रताप सिंह 3,67,740 वोट हासिल करने में कामयाब रहे, वहीं सोनिया गांधी 5,34,918 वोटों के साथ फिर से सीट जीतने में कामयाब रही थीं।
इस सीट पर सपा और बसपा ने उनका समर्थन किया था।