हाइलाइट्स
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23 जुलाई को आएगा देश का बजट
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10 दिन के लिए कैद होते हैं अधिकारी-कर्मचारी
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बजट छापने वाले कर्मचारी दुनिया से डिस्कनेक्ट
Lockdown For Budget Employees: देश का बजट 23 जुलाई को आने वाला है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार 7वां बजट पेश करेंगी। हलवा सेरेमनी के साथ बजट तैयार होने के अंतिम चरण की पुष्टि हो गई है। अब बजट की तैयारी में लगे अधिकारी और कर्मचारी वित्त मंत्रालय के कैंपस में ही लॉक हो जाएंगे। ये सभी बजट पेश होने के बाद ही बाहर आएंगे। हम आपको बता रहे हैं कि बजट किस तरह और कहां तैयार होता है।
दुनिया से डिस्कनेक्ट हो जाते हैं अधिकारी और कर्मचारी
देश का बजट एक बेहद गोपनीय दस्तावेज होता है। इसे तैयार करने वाले अधिकारी और कर्मचारी बजट पेश होने तक दुनिया से डिस्कनेक्ट हो जाते हैं। वे अपने परिवार और बाहर के लोगों से 10 दिनों तक बेखबर रहते हैं। वित्त मंत्रालय के नॉर्थ ब्लॉक में एकदम लॉकडाउन जैसा माहौल होता है। बजट की तैयारी को अंतिम रूप देने वाले अधिकारी-कर्मचारी 10 दिन यानी करीब 14 हजार 400 मिनट तक कैद रहते हैं। वित्त मंत्री के बेहद वरिष्ठ और भरोसेमंद अधिकारियों को ही घर जाने की परमिशन मिलती है।
एंट्री और एग्जिट बैन
बजट तैयार होने से छपने तक कड़ी सुरक्षा के बीच रहता है। हर साल बजट बनाने से पहले नॉर्थ ब्लॉक के वित्त मंत्रालय में बाहरी लोगों और मीडिया की एंट्री बैन कर दी जाती है। ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के मुताबिक, बजट डॉक्यूमेंट संसद में पेश होने के पहले तक एक खुफिया दस्तावेज होता है। अगर बजट की कोई भी जानकारी लीक होती है तो जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है। संसद में पेश होने तक बजट को आम जनता से छुपाकर रखा जाता है।
नॉर्थ ब्लॉक में छपता है बजट
1950 तक बजट डॉक्यूमेंट की छपाई राष्ट्रपति भवन के प्रेस में होती थी। एक बार वहां से इसका कुछ हिस्सा लीक हो गया। इसके बाद इसे मिंटो रोड के सरकारी प्रेस में छापा जाने लगा। वहीं 1980 से बजट की छपाई नॉर्थ ब्लॉक की प्रेस में होने लगी। आपको बता दें कि बजट तैयार करने से पहले एक ब्लू शीट बनती है। इसमें महत्वपूर्ण आर्थिक डाटा रखा जाता है। इसके मुताबिक ही बजट तैयार होता है। इस ब्लू शीट को वित्त मंत्री भी बाहर नहीं ले जा सकते। इसकी जिम्मेदारी मंत्रालय के संयुक्त सचिव के पास रहती है।
कब छपता है बजट
संसद में पेश होने के 10 दिन पहले वित्त मंत्रालय की प्रिटिंग प्रेस में बजट की छपाई शुरू होती है। ये काम इतना गोपनीय होता है कि छपाई में लगे अधिकारी और कर्मचारी 10 दिनों तक पूरी दुनिया से डिस्कनेक्ट रहते हैं। करीब 100 अधिकारी और कर्मचारियों को घर जाने की भी परमिशन नहीं दी जाती है। किसी भी विजिटर को सुरक्षाकर्मियों की निगरानी में भेजा जाता है। मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह जाम रहता है। सिर्फ लैंडलाइन ही इस्तेमाल किया जाता है।
बीमार होने पर अस्पताल भी नहीं जा सकते कर्मचारी
बजट की गोपनीयता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि छपाई में लगे अधिकारी और कर्मचारियों को बीमार होने पर अस्पताल जाने की भी इजाजत नहीं होती है। 10 दिनों तक वहां मौजूद डॉक्टरों की एक टीम ही उनका इलाज करती है। उन्हें अस्पताल में एडमिट होने की भी परमिशन नहीं दी जाती है।
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इस्तेमाल नहीं कर सकते प्राइवेट ईमेल
वित्त मंत्रालय में मौजूद अधिकारी-कर्मचारी ऑफिस के सिस्टम पर अपने प्राइवेट ईमेल का इस्तेमाल नहीं कर सकते। नॉर्थ ब्लॉक के एंट्री और एग्जिट गेट पर CISF के अलावा दिल्ली पुलिस और खुफिया विभाग के अधिकारी तैनात रहते हैं। ये सभी पर पैनी नजर रखते हैं।