Loan Guarantor : जब कोई आपका दोस्त, सगा संबंधी या फिर आपका रिश्तेदार लोन लेता है तो वह आपको लोन का गारंटर बनने को कहता है, ऐसे में आप भी संबंधों को देखते हुए तुरंत गारंटर बनने के लिए तैयार हो जाते है। ऐसे स्थिति में आप ये भी नहीं सोचते की एक बार गारंटर बनने के नियम जान ले, क्योंकि लोन का गारंटर बनना कोई मामूली बात नहीं होती है। लोन लेने वाले के साथ-साथ लोन गारंटर की भी कई जिम्मेदारियां होती है। कई बार देखा गया है कि लोन गारंटर बनने का फैसला लोगों को भारी पड़ा है। ऐसे में आपको किसी भी लोन का गारंटर बनने से पहले नियमों को जाना बेहद जरूरी है, नहीं तो आप किसी भी मुसिबत में फंस सकते है। ऐसे में आपकी समझदारी में ही आपकी भलाई है।
गारंटर की लोन चुकाने की जिम्मेदारी!
आप भले ही मानते हो कि लोन लेने वाले और लोन चुकाने वाले की जिम्मेदारियां अलग-अलग हो, लेकिन बैंक और कानून की नजरों में लोन गारंटर कर्ज चुकाने के लिए जिम्मेदार होता है। जब भी कोई लोन नहीं चुकाता है तो बैंक सबसे पहले लोन लेने वाले को नोटिस भेजता है। जब नोटिस का जवाब नहीं मिलता तो ऐसे में लोन गारंटर की लोन चुकाने की जिम्मेदारी लेनी होती है। इसलिए तो बैंक लोन देते समय आपके कागजों पर हस्ताक्षर करा लेती है।
गांरटर के सिबिल स्कोर पर असर
लोन गारंटर बनने का सबसे बड़ा नुकसान उसकी सिबिल खराब होना है। जब लोन लेने वाला कर्ज नहीं चुकाता है तो लोन की रकम आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में लायबिलिटी के तौर पर दिखेगी। इससे आपका भी सिबिल स्कोर खराब होगा। सबसे बड़ी परेशानी की बात तो यह है कि गारंटर कभी खुद लोन लेना चाहेंगे तो आपको परेशानी हो सकती है। इसके अलावा गारंटर दोबार किसी का लोन गारंटर नहीं बन पाएगा।
गारंटर ऐसे में क्या करे!
सबसे पहली बात तो यह है कि आपको किसी के लोन की जिम्मेदारी लेने से पहले ये समझ लेना चाहिए कि वो व्यक्ति लोन चुकाने में सक्षम है की नहीं। इसके अलावा आप लोन लेने वाले व्यक्ति को बीमा कंपनी से लोन प्रोटेक्शन पॉलिसी खरीदने के लिए तैयार करें। ऐसे में किसी तरह की अनहोनी होने पर उस लोन को चुकाने की जिम्मेदारी बीमा कंपनी की होगी।