Sai Government Budget: छत्तीसगढ़ के वित्त विभाग ने साय सरकार के अगले बजट (2025-26) के लिए एक सीमा तय की है। वित्त सचिव ने सभी विभागों को निर्देश दिया है कि वे मौजूदा वर्ष के बजट में केवल 8% की वृद्धि करते हुए नए प्रस्ताव भेजें। इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि आगामी बजट लगभग 1.59 लाख करोड़ रुपये का होगा।
प्रस्तावों के साथ विभागों को योजना का स्वरूप और उद्देश्य बताना होगा
उप सचिव वित्त, रामेश्वर शर्मा ने सभी प्रमुख सचिवों और सचिवों को नए प्रस्तावों के संबंध में पत्र लिखा है। पत्र में यह स्पष्ट किया गया है कि जो नए व्यय प्रस्तावित किए जाएंगे, उन्हें बजट में शामिल करने की कोशिश नहीं की जाएगी।
प्रस्तावों के साथ विभागों को योजना का स्वरूप और उद्देश्य बताना होगा। वित्त पोषण के स्रोत जैसे भारत सरकार, वित्तीय संस्थाएँ और विदेशी सहायता के बारे में भी जानकारी देनी होगी, जिसमें केंद्र और राज्य के हिस्से का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए। केंद्र से प्रवर्तित योजनाओं जैसे पीएमजीएसवाई, मनरेगा और पीएम आवास में वित्तीय प्रावधान 2024-25 के आधार पर किया जाना चाहिए।
बजट में राजस्व और पूंजीगत व्यय का सही वर्गीकरण होना चाहिए
वित्त विभाग ने यह भी कहा है कि राज्य सरकार द्वारा लगाए गए विभिन्न उपकरों से मिलने वाली आय से बनने वाली विकास निधियों में अंतरित राशि का विवरण भी बजट में स्पष्ट किया जाए। कार्यालय व्यय के अंतर्गत आकस्मिक व्यय का प्रावधान न्यूनतम रखा जाए, अन्यथा इसे बजट में शामिल नहीं किया जाएगा।
बजट में राजस्व और पूंजीगत व्यय का सही वर्गीकरण होना चाहिए। नए व्यय के प्रस्तावों को उचित कारणों के साथ वित्त विभाग को भेजना होगा। पिछले 12 महीने के वास्तविक व्यय के आधार पर 2024-25 के पुनरीक्षित अनुमानों का आकलन किया जाएगा। वेतन भत्तों में त्यौहार और चिकित्सा अग्रिम के अनुमानों को शुद्ध रूप में शामिल किया जाना चाहिए, और अगले वर्ष के लिए भी भत्तों के प्रस्ताव स्पष्ट रूप से दिए जाने चाहिए।
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