Advertisment

Last Cheetah in India: आखिरी चीता कब, कहां, कैसे मरा, कूनो नेशनल पार्क में अब कितने चीते हैं?

मध्य प्रदेश के श्योपुर में कूनो नेशनल पार्क में प्रोजेक्ट चीता के तहत नामाबिया से चीते लाए गए। भारत में एशियाई चीते विलुप्त हो गए थे।

author-image
Bansal News
Last Cheetah in India: आखिरी चीता कब, कहां, कैसे मरा, कूनो नेशनल पार्क में अब कितने चीते हैं?

भोपाल। Last Cheetah in India: मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में "प्रोजेक्ट चीता" के तहत नामीबिया से लाकर चीते बसा दिए गए, लेकिन इससे पहले भी भारत में चीतों की हमेशा से मौजूदगी रही है। जो राजा-महाराजाओं की शिकार करने की परंपरा के कारण विलुप्त हो गए। आज हम बता रहे हैं वो आखिरी एशियाई चीता; कब, कहां, क्यों और कैसे मरा। भारत में अब कितने चीता हैं?

Advertisment

यह भी पढ़ें- interesting fact: घोड़ा बैठता क्यों नहीं, घर में क्यों लगाते हैं सात दौड़ते घोड़ों की तस्वीर

कब मरा आखिरी चीता ?

भारत में आखिरी चीते की मौत साल 1947-48 में हुई थी। ऐसा माना जाता है इस चीते की मौत के बाद से भारत में फिर कभी चीते नहीं देखे गए। कुछ किवदंतियों के मुताबिक आखिरी बार एक मादा चीता और तीन नर चीतों की मौत हुई थी। इसके बाद भारत में साल 1952 में चीतों के लिए विलुप्त प्रजाति घोषित कर दिया गया था।

Cheetah: कब, कहां और कैसे मरा आखिरी चीता; भारत के कुनो नेशनल पार्क में अब कितने चीते हैं?

कहां मरा आखिरी चीता ?

भारत में आखिरी चीता कहां मरा? इसके बारे में विभिन्न लेखों में जानकारी मिलती है, जिसके अनुसार तत्कालीन मध्य प्रदेश और अब के छत्तीसगढ़ की कोरिया रियासत के राजा ने भारत देश के आखिरी चीते को मारा था। जानकारी के मुताबिक कुछ लोगों का मानना है कि राजा ने एक नहीं तीन अंतिम चीतों को मारा था।

Advertisment

यह भी पढ़ें-interesting fact : चीटी अनाज रखने से पहले तोड़ क्यों देती है, इतना काम क्यों करती हैं चीटियां ?

कैसे मरा आखिरी चीता ?

भारत में आखिरी एशियाई चीतों का बंदूक से शिकार किया गया था। वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट के मुताबिक राजा-महाराजाओं के दौर में जंगली जानवरों का शिकार किए जाने की परंपरा थी। साथ ही आम जन को भय से मुक्ति दिलाए जाने के लिए भी जंगली जानवरों का शिकार किया जाता था।

Cheetah: कब, कहां और कैसे मरा आखिरी चीता; भारत के कुनो नेशनल पार्क में अब कितने चीते हैं?

आखिरी चीते को किसने मारा ?

आखिरी एशियाई चीतों के शिकार के बारे में कहा जाता है कि राजा रामानुज प्रताप सिंह देव ने इनका शिकार किया था। कथित तौर पर जिस दौरान भारत में इन चीतों का शिकार किया गया, उस वक्त राजा रामानुज प्रताप सिंह देव की उम्र लगभग 9 वर्ष की थी। जलवायु परिवर्तन और कटते जंगलों के कारण भी कई चीतों की मौत हुई।

Advertisment

यह भी पढ़ें-Intelligence: ऐसी होती है बुद्धिमान लोगों की हैंडराइटिंग, एक स्टडी में हो चुका है प्रूव

क्यों मारा आखिरी चीते को?

कोरिया रियासत के राजा रामानुज प्रताप सिंह देव ने आखिरी चीता या चीतों का शिकार प्रजा के डर को दूर करने के लिए किया था। उनसे बैकुंठपुर के सलखा गांव के लोगों ने शिकायत की कि जंगली जानवर उन्हें परेशान कर रहे हैं, जिसके बाद राजा ने जंगल पहुंचकर चीतों का शिकार किया।

Cheetah: कब, कहां और कैसे मरा आखिरी चीता; भारत के कुनो नेशनल पार्क में अब कितने चीते हैं?

भारत में अब कितने चीते हैं?

फरवरी 2023 में मिले आंकड़ों के मुताबिक नामीबिया से चीते लाए जाने के बाद भारत में 20 चीते हो चुके हैं। इन्हें दो खेप में क्रमश: 8 और 12 चीतों को भारत लाकर श्योपुर के कुनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया है। वहीं पूरे विश्व की बात करें तो 7000 चीतों की मौजूदगी विश्वभर में होना पाई गई है।

Advertisment

यह भी पढ़ें-Ginger Facts : अदरक जड़ है या तना, जमीन में ही क्यों होती है पैदावार ?

Kuno National Park mp cheetah Cheetah News Namibia Cheetah cheetah fact Last Cheetah in India
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें