Lalitpur Election Vs Supreme Court: ललितपुर जनपद में हुए 2021 के तालबेहट ब्लॉक प्रमुख चुनाव में हुई मतगणना का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। मतगणना के दौरान 6 वोट निरस्त कर दिए गए थे। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त किए गए 6 वोट मंगाए हैं।
पराजित प्रत्याशी ने ली न्यायालय की शरण
तालबेहट ब्लाक प्रमुख के चुनाव में विजय सिंह उर्फ गोलू राजा और राजदीप सिंह बुंदेला ने नामांकन किया था। विजय सिंह 2021 में हुई मतगणना में एक मत से विजयी हुए थे। वहीं पराजित प्रत्याशी ने न्यायालय से न्याय की गुहार लगाई थी।
विजय सिंह की जीत गलत- जिला जज
जब मामला डिस्ट्रिक्ट कोर्ट पहुंचा तो 2024 में विजय सिंह की जीत को गलत बताया गया। जिला कोर्ट ने राजदीप बुंदेला को विजयी घोषित किया था। इसलिए विजय सिंह ने उक्त आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट प्रयागराज याचिका दायर की।
हाई कोर्ट में जिला जज के फैसले को चुनौती
हाई कोर्ट ने 8 माह बाद जिला जज के आदेश को निरस्त कर दिया। उच्च न्यायालय ने विजय सिंह के पक्ष में फैसला सुनाया। इस आदेश से राजदीप बुंदेला नाखुश नजर आए। राजदीप ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ राजदीप बुंदेला ने उच्चतम न्यायालय में अपील की थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने 27 जनवरी को जिलाधिकारी को निरस्त 6 मतों को लेकर न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया है।
जानें पूरा मामला
साल 2021 में उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में तालबेहट ब्लॉक प्रमुख पद के लिए मतदान हुआ था। इस मतदान में 83 वोट पड़े थे। इनमें विजय सिंह गोलू राजा 39 वोट और राजदीप सिंह को 38 वोट मिले थे। वहीं 6 वोटों को अवैध घोषित कर निरस्त कर दिया गया था। चुनाव हारे राजदीप ने जिला न्यायालय में छह अवैध वोटों की जांच के लिए अपील की थी। साथ ही राजदीप ने याचिका में निरस्त मतों की जांच कर गिनती करने की मांग की थी।
जिला न्यायाधीश ने 29 फरवरी 2024 को आदेश पारित करते हुए मतपेटी और प्रमुख चुनाव के पूरे रिकॉर्ड की मांग की थी। इसके बाद 4 मार्च को चुनाव की तारीख निर्धारित की गई। लेकिन 29 मार्च के आदेश को विजय सिंह गोलू राजा ने याचिका दायर कर फिर चुनौती दे दी।
न्यायालय ने 5 मार्च 2024 को विजय की याचिका खारिज कर दी। न्यायालय ने मत पत्र मंगाए और निचली अदालत ने एक पैनल द्वारा कुल गणना का आदेश दिया। कुल गणना होने के बाद 6 अवैध मत में से एक मत को राजदीप सिंह के पक्ष में वैध कर दिया गया।
इसके बाद 7 मार्च को राजदीप सिंह को विजय घोषित कर दिया गया। क्षेत्र पंचायत प्रमुख पद पर विजय सिंह का निर्वाचन शून्य घोषित कर दिया गया। इसके बाद विजय सिंह ने जिला कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने विजय सिंह गोलू राजा के पक्ष में 28 नवम्बर को निर्णय दिया।