भोपाल। MP News: मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Mohan Yadav) अपनी ही पिछली सरकार की योजनाओं को बंद करने की तैयारी में हैं। गंभीर वित्तीय संकट के दौर से गुजर रही एमपी सरकार ने 38 विभागों की अलग-अलग योजनाओं पर वित्त विभाग (finance department) की अनुमति लिए बिना किसी तरह का खर्च करने या पेमेंट करने पर रोक लगा दी है।
सरकार जिन योजनाओं पर कैंची चलाने की तैयारी में है, ये सभी योजनाएं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपने 18 साल के कार्यकाल में शुरू की थी। आपको बता दें कि फिलहाल मध्य प्रदेश पर चार लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज है, जिसके चलते नई सरकार, कई योजनाओं पर बंदिश लगाना चाहती है।
इन योजनाओं पर चल सकती है कैंची
राज्य के वित्त विभाग ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की प्राथमिकता वाली मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना (Mukhya Mantri Teertha Darshan Yojna) , महाकाल परिसर विस्तार योजना, खेलों को प्रोत्साहित करने संबंधी सभी योजनाएं, आधा दर्जन से अधिक पुरस्कार योजनाएं, मंत्रियों अफसरों के बंगलों की मरम्मत, पीएम सड़क योजना (PM Sadak Yojna), आदिवासियों से संबंधित योजनाएं, हवाई पट्टी विस्तार, किसानों के लिए संचालित मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना (Mukhya mantri rid samadhan yojna) समेत कई योजनाओं को हरी झंडी देने से पहले वित्त विभाग की परमिशन लेना जरूरी कर दिया है।
श्रद्धालुओं के हितों की योजना जैसे, महाकाल परिसर विस्तार, तीर्थ दर्शन योजना के कामों का पेमेंट बिना परमिशन के नहीं होगा।
खजाना खाली होने की वजह से खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के सभी काम रुक सकते हैं। इसमें खेलो इंडिया एमपी, स्टेडियम और अधोसंरचना निर्माण, ओलंपिक 2024, जैसे कई काम शामिल है।
इसके अलावा औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन विभाग के काम जैसे- भू अर्जन, सर्वे, डिमार्केशन, सर्विस चार्ज भी बिना अनुमति के नहीं किया जा सकेगा। इसके लिए पहले औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन विभाग को वित्त विभाग के पास परमिशन लेने से जुड़ी फाइल भेजेनी पड़ेगी।
बिना मंजूरी के नहीं होंगे मेंटेनेंस के ये काम
नई सरकार ने कई विभागों का परिसंपत्ति मेंटेनेंस रोकने की तैयारी भी कर ली है। इन विभागों में जीएडी, कमर्शियल टैक्स, खनिज साधन, ऊर्जा, श्रम, जल संसाधन, पीएचई, पंचायत और ग्रामीण विकास, विधि और विधायी कार्य, योजना जैसे कई विभाग शामिल है। इन विभागों में मेंटेनेंस के काम भी बिना परमिशन के नहीं हो सकेंगे।
सम्मान – पुरुस्कारों की राशि के लिए भी अनुमति जरूरी
अब पुरस्कार और सम्मान देने के लिए भी वित्त विभाग की अनुमति को अनिवार्य कर दिया गया है। गृह विभाग के गैलेंट्री अवार्ड यानी पुलिस पदक देने, अपने बच्चों को प्रतिरक्षा में भर्ती कराने वाले माता पिता को सम्मान निधि और पुरस्कार देने, जैसे सभी कामों के लिए अनुमति लेनी होगी। इससे परिवहन विभाग की ग्रामीण परिवहन नीति का काम भी रुकने की संभावना है। कोविड 19 के इलाज और मदद के लिए भी परमिशन लेना होगा।
किसानों से जुड़ी इन योजनाओं पर भी असर
इस बंदिश से किसानों से जुड़े कई काम भी प्रभावित होंगे। इसमें किसानों से जुड़ी एक जिला एक उत्पाद योजना, निजी एजेंसियों, ठेकेदार द्वारा किसानों के खेतों पर सफल नलकूप खनन पर मदद दिया जाना, जैसे काम सीधे तौर पर कृषि विभाग नहीं कर सकेगा।
मंत्री-अफसरों के बंगलों का रखरखाव भी होगा प्रभावित
वित्त की परमिशन अनिवार्य किए जाने के बाद नगरीय विकास और आवास विभाग के काम जैसे- मेट्रो रेल, एमपी अर्बन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (विश्व बैंक से सहायता प्राप्त), एमपी अर्बन सर्विसेस इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम (एडीबी) और इसका एडीबी फेस टू, एमपी अर्बन सैनिटेशन एंड एनवायरनमेंटल सेक्टर प्रोग्राम (एमपीयूएसईपी) रुक जाएंगे। इसका असर सरकारी आवासों की रिनोवेशन और मंत्रियों-अफसरों के बंगलों के मरम्मत पर भी पड़ेगा।
वित्त विभाग की परमिशन के लिए उच्च शिक्षा विभाग की मप्र में उच्च शिक्षा में सुधार, महाविद्यालयों में खेलकूद प्रोत्साहन, प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को विदेश अध्ययन के लिए भेजने संबंधी फ्री शिक्षा योजना का काम शामिल किया गया है।
अब ग्रामीण विकास विभाग को प्रधानमंत्री सड़क योजना से बनने वाली सड़कों को बनाने के लिए परमिशन लेनी होगी। इसके साथ ही एविएशन डिपार्टमेंट, हवाई पट्टियों के विस्तार और निर्माण के काम सीधे तौर पर नहीं कर सकेगा।
एमपी में बीजेपी की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले आदिवासी वर्ग कई योजनाओं पर भी असर पड़ेगा। आदिवासियों के लिए चलाई जा रही राजा संग्राम सिंह पुरस्कार योजना, टंट्या भील मंदिर जीर्णोद्धार, आदिवासी पंचायतों के लिए बर्तन प्रदाय योजना का काम प्रभावित होगा। इन योजनाओं को अमल में लाने के लिए पहले वित्त विभाग को फाइल भेजना पड़ेगा और अनुमति के बाद फंड रिलीज होगा।
मध्यप्रदेश पर भारी कर्जा होने की वजह से स्कूल शिक्षा विभाग की भी कई योजनाओं पर अंकुश लगेगा। आरटीई के अंतर्गत सरकारी स्कूलों की ट्यूशन फीस, फ्री किताबों का विरतरण, छात्रावासों का निर्माण और संचालन भी रुक जाएगा।