Krishna Janmashtami puja samagri list Vrat Niyam: इस साल जन्माष्टमी का त्योहार 26 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार भादो माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है।
अगर आप भी इस व्रत को करने वाले हैं तो आपको जन्माष्टमी व्रत के नियम पता होने चाहिए। चलिए आज जानते हैं ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री से कि जन्माष्टमी व्रत के नियम (Krishna Janmashtami vrat ke Niyam) क्या हैं।
इन चीजों के बिना अधूरी है जन्माष्टमी की पूजा
जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण का जन्म होता है। इस अवसर पर लोग घरों में कान्हा के जन्म को लेकर कई तरह की सजावट करते हैं। साथ ही पूजा सामग्री भी रखी जाती हैं। जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल (Laddu Gopal) के साथ-साथ उनका पालना, पोषाक आदि सभी सजाए जाते हैं। उनका श्रंगार किया जाता है, उन्हें कई तरह के भोग लगाए जाते हैं। उनका अभिषेक किया जाता है।
ऐसे में आप भी घर में पूजा के पहले ही यहां नोट कर लें जरूरी पूजन सामग्री (Krishna Janmashtami Puja Samagri) और सजावट की सामग्री।
जन्माष्टमी का भोग बनाने के लिए जरूरी सामग्री
जन्माष्टमी पर कृष्ण को खासतौर पर आटे की पंजीरी, गुड़ के लड्डू का भोग लगाया जाता है। ऐसे में आप भी इसे बनाने के लिए सूखे मेवे, खरबूज के बीज, गौंद, गुड़, शकर, घी आदि चीजें खरीद कर अपने हिसाब से भोग तैयार कर सकते हैं।
जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण के श्रृंगार के लिए जरूरी सामान
जन्माष्टमी पर हर कोई श्रीकृष्ण का बहुत अच्छे से श्रृंगार (Shri Krishna Janamashtami in Hindi News) करता है। इसके लिए आप या तो घर पर ही उनकी श्रृंगार सामग्री तैयार कर सकते हैं। या फिर अगर मार्केट से लाना चाहते हैं तो इसमें आप कान्हा की बांसुरी, कुंडल, पगड़ी, कंगन, माला, टीका, पाजेब या कमरबंध, काजल, मोर पंख और झूला, सिंहासन, पगड़ी, पंखा, आसन लाना न भूलें।
जन्माष्टमी पूजा सामग्री
जन्माष्टमी की पूजा सामग्री में सबसे पहले आप कान्हा का फुलेरा के लिए सामग्री नोट कर लें। इसे अगर आप घर पर बनाना चाहते हैं तो इसमें आप आम के पत्ते, अशोक के पत्ते, गैंदा के फूल, दूर्वा, सफेद और पीले फूलों, पत्ती वाली लकड़ी, बड़ी वाली सुई और धागा। इन चीजों से आप अपनी पसंद की डिजाइन के अनुसार कान्हा के जन्मदिन के लिए फुलेरा तैयार कर सकते हैं।
पूजा सामग्री
जन्म के बाद पूजा के लिए आपकी सामान में धूप बत्ती और अगरबत्ती, कुमकुम, अबीर, सुपारी, पुष्पमाला, हल्दी, आभूषण, रुई, तुलसीमाला, कमलगट्टा, सप्तधान, गुलाल, केसर, कपूर, रोली, सिंदूर, चंदन, पंच मेवा, शक्कर, गाय का घी, गाय का दही, गाय का दूध, ऋतुफल, छोटी इलायची, सिंहासन, झूला, आसन, मिष्ठान्न,यज्ञोपवीत 5, अक्षत, पान के पत्ते, गंगाजल, शहद, तुलसी दल, अबीर, गुलाल, अभ्रक, हल्दी, आभूषण, नाड़ा, रुई, रोली, सिंदूर, सुपारी, पान के पत्ते, पुष्पमाला, तुलसीमाला, खड़ा धनिया, सप्तमृत्तिका, सप्तधान, कुशा व दूर्वा को शामिल करें।
कृष्ण जन्माष्टमी तिथि और समय 2024
कृष्ण जन्माष्टमी कब है – 26 अगस्त सोमवार 2024
निशीथा पूजा समय – 12:01 दोपहर से 12:45 पूर्वाह्न, 27 अगस्त 2024
दही हांडी – मंगलवार, 27 अगस्त 2024
• पारण समय- रात को 12:45 बजे के बाद, 27 अगस्त 2024
• अष्टमी तिथि आरंभ- 03:39 AM, 26 अगस्त 2024
• अष्टमी तिथि समाप्त- 02:19 AM, 27 अगस्त 2024
• रोहिणी नक्षत्र आरंभ- 03:55 PM, 26 अगस्त 2024
• रोहिणी नक्षत्र समाप्त- 03:38 PM, 27 अगस्त 2024
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