Krishna Janmashtami 2024 Vrat Niyam: ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार इस बार की जन्माष्टमी पर खास योग (Khas Yog) बन रहा है। शास्त्रों के अनुसार श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था।
इस दिन रोहिणी नक्षत्र था। श्रीकृष्ण का जन्म निशीथ काल में हुआ था। ठीक वहीं योग यानी रोहिणी नक्षत्र का योग (Janmashtami Rohini Nakshatra news in hindi) इस बार भी बन रहा है।
क्या होता है निथीथ काल
ज्योतिषाचार्य के अनुसार रात को 12 बजे का समय निशीथ काल माना जाता है। इस दौरान ही भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। यही कारण है कि जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव रात 12 बजे ही मनाया जाता है।
क्या जन्माष्टमी में सैदा नमक खा सकते हैं
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार वैसे तो व्रत को अपनी शारीरिक क्षमता के आधार पर रखा जा सकता है, लेकिन अगर आप इस व्रत का पालन कर रहे हैं तो दिन में फलाहार करके रात को 12 बजे के बाद व्रत पूर्ण होने के बाद यानी श्रीकृष्ण के जन्म के बाद भोजन किया जा सकता है।
जन्माष्टमी 2024 की तिथि क्या है
कृष्ण जन्माष्टमी कब है – 26 अगस्त सोमवार 2024
निशीथा पूजा समय – 12:01 दोपहर से 12:45 पूर्वाह्न, 27 अगस्त 2024
दही हांडी – मंगलवार, 27 अगस्त 2024
Chauk Uthane ke Niyam: जन्माष्टमी की पूजा के बाद कब उठाना चाहिए चौक, क्या हैं पूजा हिलाने के नियम
• पारण समय- रात को 12:45 बजे के बाद, 27 अगस्त 2024
• अष्टमी तिथि आरंभ- 03:39 AM, 26 अगस्त 2024
• अष्टमी तिथि समाप्त- 02:19 AM, 27 अगस्त 2024
• रोहिणी नक्षत्र आरंभ- 03:55 PM, 26 अगस्त 2024
• रोहिणी नक्षत्र समाप्त- 03:38 PM, 27 अगस्त 2024
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