Krishna Janmashtami 2021: जन्माष्टमी पर इस बार बन रहा, सर्वार्थ सिद्धि व हर्षण योग, जानिए किस मुहूर्त में करें पूजन

नई दिल्ली। सावन का महीना त्योहारों से का महीना हैं। Krishna Janmashtami 2021 त्योहारों की कड़ी में अब नागपंचमी, रक्षाबंधन के बाद श्रीकृष्ण जन्माष्टमी आने वाला है। इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर सर्वार्थ सिद्धि योग व हर्षण योग बनने जा रहा है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। मान्यता अनुसार इस दिन भगवान का द्वापर युग में जन्म हुआ था।
काल योग में न करें पूजन
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविन्द शास्त्री के अनुसार वैसे तो श्रीकृष्ण के जन्म के समय सभी योग बन गए थे। इस वर्ष सर्वार्थ और हर्षण योग बन रहा है। इस दिन शाम को 7.30 मिनिट से 10.30 बजे तक रोग व काल योग है। इसके बाद रात 12 बजे भगवान का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। वहीं इसका होना मंगलकारी भी माना गया है। मान्यता है कि हर्षण योग में जो भी कार्य किए जाते हैं वे सभी सफलता पाते हैं। कृत्तिका और रोहिणी नक्षत्र भी इसके साथ ही रहेंगे।
ये समय है तिथियों का
इस साल अष्टमी तिथि की शुरुआत 29 अगस्त की रात 11.25 मिनिट व समापन 30 अगस्त की देर रात 1.59 मिनट पर होगा। वहीं कृष्ण जन्म का अनुष्ठान 30 अगस्त को होगा। ऐसे में कई भक्त श्रीकृष्ण की पूजा 30 अगस्त की रात व्रत रखकर करेंगे।
आठवें अवतार के रूप में लिया था जन्म
भगवान विष्णु के आठवें अवतार में श्रीकृष्ण ने इसी दिन जन्म लिया था। मथुरा में उनका जन्म भाद्रपद की अष्टमी तिथि को मध्यरात्रि में रोहिणी नक्षत्र में हुआ था।
ऐसे करें पूजा
व्रत के एक दिन पूर्व हल्का भोजन करें। सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके नित्यकर्मों से निवृत्त होकर श्रीकृष्ण का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लेकर पूजा की तैयारी करें। ब्रह्मचर्य का पालन करें।
भगवान को माखन-मिश्री, पान के साथ ही नारियल की बनी मिठाई का भोग लगाएं। फिर पंचामृत से श्रीकृष्ण का अभिषेक करें। साथ ही उन्हें नए कपड़े पहनाकर श्रृंगार करें। उन्हें चंदन का तिलक करके भोग लगाएं। श्रीराम जी की स्तुति के बाद भगवान श्रीकृष्ण की आरती करें।
कृष्ण जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त
– अष्टमी तिथि की शुरुआत : 29 अगस्त रात 11:24 पर
– अष्टमी तिथि की समाप्ति : 31 अगस्त को दोपहर 01:59 तक
– श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2021 पूजा का मुहूर्त : 30 अगस्त को दोपहर 11:59 से 12:44 रात तक
– कृत्तिका नक्षत्र : 29 अगस्त दोपहर 03:35 से 30 अगस्त को सुबह 6:39 तक
– रोहिणी नक्षत्र : 30 अगस्त को सुबह 6:39 से 31 अगस्त को सुबह 09:44 तक
– पारण का समय : 31 अगस्त मंगलवार को सुबह 09:44 के बाद