कोरबा। जिले में स्वास्थ्य कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी पहले से हड़ताल पर थे। इसी बीच तमाम विधाओं के नियमित और आउट सोर्स कर्मचारियों ने भी काम बंद कर हड़ताल शुरू कर दी है। जिससे राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं।
कोरबा के आईटीआई तानसेन चौक में सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद स्वास्थ्य विभाग समेत चिकित्सा शिक्षा और आयुष विभाग के कर्मचारी हैं।
पांच सूत्रीय मांगो को लेकर इन्होंने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ग्रेड–पे और कोरोना इंसेंटिव सहित विभिन्न मांगो के लिए आंदोलन किया जा रहा है। प्रदर्शनकरियों ने साफ शब्दों में कहा है कि जब तक मांग पूरी नहीं होती तब तक ये आंदोलन जारी रहेगा।
आगानी विधानसभा चुनाव नजदीक
आगानी विधानसभा चुनाव नजदीक है। ऐसे में राज्य में पदस्य विभिन्न के कर्मचारी इन दिनों आए दिन किसी न किसी वजह से अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत् हैं। एक महीन पहले ही राज्य में स्वास्थ्य कर्मचारी फेडरेशन के बैनर तले कर्मचारियों ने आंदोलन किया था।
सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
अब एक बार फिर से स्वास्थ्य संयोजक के तत्वावधान में कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संगठन के जिला प्रभारी सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि वेतन विसंगति दूर करने का वादा सरकार ने किया था वह अभी तक पूरा नहीं किया है। सरकार के बादखिलाफी से नाराज कर्मयारियों में गुस्सा है।
इन मांगों को लेकर हो रहा आंदोलन
पांच सूत्रीय मांगों के बारे में उन्होने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक एवं नर्सिंग संवर्ग के वेतन विसंगति को दूर किया जाए। वर्ष 2018 में प्राइवेट प्रेक्टिस न करने की एफिडेविड दिए जाने के बाद भी डाक्टरों एनपीए लाभ अभी तक नहीं दिया गया है, डाक्टरों को इसका लाभ दिया जाए।
कोरोना काल में जान में खेलकर जिन कर्मचारियों ने दिन रात अपनी सेवा दी है, उन्हे कोरोना भत्ते का भुगतान किया जाए। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी शनिवार व रविवार को भी अपनी सेवाएं देते हैं, इस आशय से उन्हे अतिरिक्त कार्य दिवस का भुगतान किया जाएगा। प्रदर्शन स्थल पर कर्मचारियों ने संबोधन देकर अपनी मांगें दोहराई।
हड़ताल का असर ग्रामीण इलाकों में
हड़ताल का असर शहरी क्षेत्र के अस्पतालों के अलावा उपनगरीय व ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में भी रहा है। नियिमत इलाज के लिए पहुंचे कर्मचारियों को लैब, एक्स-रे, इसीजी आदि की सुविधाओं के लिए हलकान होना पड़ा।
रानी धनराज कुंवर अस्पताल में नर्सिंग स्टाप की कमी के कारण महिला व पुरूष वार्ड दाखिल मरीजों के स्वजन दिन भर हलकान रहे। हड़ताल की पूर्व सूचना के बाद भी वैकल्पि व्यवस्था नहीं किए जाने से आने वाले दिनों में समस्या होगी।
इलाज के लिए मरीज हो रहे परेशान
इस हड़ताल का असर अब ग्रामीण इलाकों में भी नजर आने लगा है। इजाल कराने पहुंच रहे मरीजों के लिए न तो इलाज मिल रहा है न हीं उनकी किसी प्रकार की जांच हो रही है। ऐसे में मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
मरीजों के साथ आ रहे परिजनों को भी समस्या हो रही है प्रशासन को हड़ताल की सूचना कर्मचारियों ने पहले ही उपलब्ध करा दी थी बावजूद इसके प्रशासन की ओर से मरीजों के इलाज की कोई भी वैकल्पिक व्यव्सथा नहीं की।
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