नई दिल्ली। ताश के पत्तों का गेम Knowledge of playing cards लगभग हर कोई खेलना जानता है। इसे Playing cards भी कहते हैं। ताश के पत्तों का चलन 14वीं सदी में शुरू हुआ था। इसमें इन चार बादशाहों का मुख्य रोल होता है। इनकी अपनी अलग पहचान भी है। इसमें चार राजा होते हैं। इन चारों में से तीन राजाओं की तो मूछें हैं सिवाय एक के। क्या आपने कभी जानने की कोशिश की है कि ऐसा क्यों होता है। यदि नहीं तो आइए आज हम आपको बताते है इसके पीछे की कहानी।
जानिए क्या है इसके पीछे का कारण
जिस राजा की मूछें नहीं हैं इस राजा को King of Hearts के नाम से भी जाना जाता है। बिट्रेन के अखबार के अनुसार शुरुआत में इस राजा की भी मूछें थीं। लेकिन एक बार कार्ड्स को रिडिजाइन किए जाने के दौरान डिजाइनर उसकी मूंछे बनाना भूल गया था। तभी से ही किंग ऑफ हार्ट्स बिना मूंछों वाले राजा हो गए।
इस समय से हुई ताश की शुरूआत
कहते हैं सबसे पहले 14वीं सदी में यूरोप में ताश के पत्तों का Knowledge of playing cards चलन शुरू हुआ था। इन्हें कहां पर डिजाइन किया गया है इस बात पर भी ताश के पत्तों की डिजाइन निर्भर रहती थी। पत्तों की संख्या और डिजाइन में अस्थिरता होती थी। यूरोप में ताश का खेल अधिक प्रचलित होता चला गया। डिजायन किए गए कुछ कार्ड्स को स्टेंसिल्स यानी सांचों की मदद से तैयार किया। इस तरह से बनाए गए कार्ड्स में सभी 52 कार्ड्स शामिल थे। ताश की यही संख्या आज भी चलन में है।
अब तक हुए कार्ड डिजाइन
14 वीं शताब्दी तक डिजाइन किए गए कार्डों में बदलावा होता गया। 16वीं सदी के अंत में कुछ फ्रेंच कार्ड बनाने वालों ने ताश के इन पत्तों को फिर से डिजाइन किया। तैयार किए गए नए डिजाइनों में हुकुम, चिड़ी, दिल और हीरे के बादशाह को भी नए सिरे से नया रूप दिया गया। इस दौरान तैयार किए गए राजाओं में ही इन्हें डेविड, सिकंदर, शारलेमेन और ऑगस्टस का नाम देना तय किया गया। परंतु Snopes.com के डेविड मिकेलसन के अनुसार ताश की डिजाइनिंग 18वीं सदी के अंत तक चलती रही थी। इनके अनुसार राजा किसी खास व्यक्ति का प्रतिनिधित्व न करके बल्कि शाही अतीत से जुड़ कर ही रह गए थे।
King of Hearts को कहते हैं सुसाइड किंग भी
यूके की एक वेबसाइट The World of Playing Cards की माने तो इंग्लिश किंग कार्ड्स को कभी भी एतिहासिक व्यक्ति के नाम पर नहीं रखा गया था। वास्तविक शाही लोगों के साथ जो भी संबंध बताया गया था वह पूरी तरह से फ्रेंच आइडिया था।
ताश के पत्तों पर जो लाल पान यानि किंग ऑफ हार्ट्स हैं उन्हें कभी-कभी सुसाइड किंग के नाम से भी जाना जाता है। इसके पीछे का कारण यह है कि वे अपने पीछे रखी हुई तलवार का उपयोग पीछे से किसी के सिर पर हमला करने वाले हथियार के तौर पर भी करते थे। परंतु इसकी डिजाइन में फिर से बदलाव किए गए। जिसमें अब इन्हें एक कुल्हाड़ी पकड़े दिखाया जाता है।
ये हैं चार राजाओं के नाम
लोगों का ऐसा मानना है कि ताश पर जो 4 राजा बनाए गए हैं वो कुछ महान राजाओं का प्रतिनिधित्व करते रहे होंगे। ताश के पत्तों पर चार राजा हैं
1 — King of Spades यानी हुकुम का बादशाह-डेविड
ये इजरायल के पुराने युग के राजा माने जाते हैं।
2 — King of Clubs यानी चिड़ी का बादशाह-
इस पत्ते पर जो राजा बने हैं वे मेसाडोनिया के राजा सिंकदर महान है। इनके बारे में कहा जाता है कि इन्होंने बड़े क्षेत्र पर जीत हासिल की थी।
3 — King of Hearts यानी दिलों का बादशाह-
इस पत्ते पर बने राजा फ्रांस के राजा शारलेमेन हैं। जिन्हें रोमन साम्राज्य के भी पहले का राजा माना जाता था। इनका कार्यकाल 747 से 814 AD तक का था।
4 — King of Diamonds यानी हीरों का राजा-
डायमंड हिन्दी में जिसे ईंट बोला जाता है। इस पत्ते पर जिस राजा की फोटो है उन्हें रोमन राजा सीजर ऑगस्टस के नाम से जानते हैं। वहीं कुछ लोगों का यह भी मानना है कि यह फोटो जूलियस सीजर की है न कि सीजर ऑगस्टस की।