रोचक किस्सा: बीजेपी की फायरब्रांड नेता और मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti And Aovindacharya) को कौन नहीं जानता है। उमा भारती अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में बनी रहती है। उमा भारती को लेकर ऐसे कई किस्से हैं जो काफी रोचक है। ऐसा ही एक किस्सा आज हम आपको बताने जा रहे है। आपको एक बात तो पता ही है कि उमा भारती ने शादी नहीं की है। लेकिन उमा भारती ने शादी क्यों नहीं की यह कम लोगों को ही पता है। हालांकि उमाभारती और गोविंदाचार्य के (Uma Bharti And Aovindacharya) जवानी के किस्से आज भी चर्चा में बने रहते है। लेकिन गोविन्दाचार्य और उमा भारती (Uma Bharti And Aovindacharya) अपने प्रेम प्रसंग को महान कार्य बताते रहे हैं, दोनों का कहना रहा है कि दोनों ने देश और समाज के लिए अपने प्रेम की बलि दे दी।
दरअसल, इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व जॉइंट डायरेक्टर एम.के. धर ने अपनी एक किताब ओपन सीक्रेट्स में लिखा था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने उमा भारती और गोविंदाचार्य (Uma Bharti And Aovindacharya) को विवाह नहीं करने की इजाजत नहीं दी थी। एम. के. धर लिखते हैं कि उमा भारती ने कई बार उनकी पत्नी को बताया था कि वह गोविंद से शादी (Uma Bharti And Aovindacharya) करना चाहती हैं और संघ के शीर्ष नेतृत्व से मंजूरी मिलने के बाद वह सन्यासी का रूप त्याग देंगी। किताब के अनुसार गोविंदाचार्य और उमा भारती अक्सर साथ ही उनके घर पर आते थे। उमा भारती गाड़ी चलाकर गोविंदाचार्य (Uma Bharti And Aovindacharya) को साथ लाती थीं और सब लोग साथ में खाना खाते थे। 30 जून 2008 को उमा भारती ने भोपाल के रविन्द्र भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में खुद कहा था कि गोविंदाचार्य उनसे शादी करना चाहते थे। और इस शादी का प्रस्ताव लालकृष्ण आडवाणी लेकर आए थे, लेकिन उनके बड़े भाई स्वामी प्रसाद लोधी ने गोविंदाचार्य को नापसंद कर दिया था।
कैसे हुई उमा की गोविंद से मुलाकात
उमा भारती ने कार्याक्रम के दौरान यह भी बताया की उनकी गोविंदाचार्य (Uma Bharti And Aovindacharya) से मुलाकात कैसे हुई थी। उन्होंने बताया कि राजीव गांधी की हत्या के बाद दिल्ली में 1991 में गोविंद जी से मेरी मुलाकात हुई। बाद में एक दिन आडवाणी जी ने कहा कि गोविंदाचार्य (Uma Bharti And Aovindacharya) तुमसे विवाह करना चाहते हैं। मैंने यह बात अपने बड़े भाई स्वामी प्रसाद को बताई। उन्होंने कहा कि मैं उसे देखना चाहूंगा। मैं गोविंद जी को लेकर गई। जैसे ही गोविंदाचार्य को उमा भारती (Uma Bharti And Aovindacharya) के भाई ने देखा तो बोले की तुम्हें यही व्यक्ति मिला। इसके बाद उमा ने अपने भाई से कह दिया की मैं सन्यास लूंगी इसके बाद वह अपने गुरुदेव के पास गई।
सन्यासी बनकर पहुंची दिल्ली
उमा भारती ने बताया कि जब 17 नवंबर 1992 को मैं संन्यास लेकर चिमटा और कमंडल के साथ दिल्ली पहुंची, तो मेरा स्वागत करने के लिए परिवारों के साथ गोविंदाचार्य (Uma Bharti And Aovindacharya) भी मौजूद थे। उन्होंने मेरे पांव छुए और कहा कि मैं आज से तुम्हें अपना गुरु मानता हूं। उस दिन के बाद से ही गोविंद जी के प्रति मेरे पहले के भाव समाप्त हो गए। ‘ इसके अलावा कहा था कि ‘ डेढ़ साल पहले मुझे पता चला कि गोविंद जी के पास न तो रहने को घर है और न गाड़ी। मुझे बहुत दुख हुआ। मैंने उनसे कहा आप मेरे घर रहिए। आपने मुझे गुरु माना है। यह बात मैंने संगठन को भी बता दी थी। मेरे कहने पर ही गोविंदाचार्य बनारस गए थे।
इसी तरह उमा भारती ने 24 मई 2013 में अंग्रेजी पत्रिका द वीक को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि वह गोविंदाचार्य (Uma Bharti And Aovindacharya) से प्यार करती थीं। मैं उनसे शादी भी करना चाहती थी। मैं उनका हर जगह पीछा करती थी और मुझे लगता था कि वह भी मुझसे प्यार करते हैं। हालांकि, उन्होंने मुझे कभी इस बारे में नहीं बताया। लेकिन गोविंदाचार्य (Uma Bharti And Aovindacharya) ने अपनी भावनाएं बीजेपी के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी और संघ के सरसंघचालक रहे भाऊराव देवरस के सामने जाहिर की थीं। इस बारे में भाऊराव ने मुझसे बात की थी और कहा था कि जनता और देश के लिए मुझे शादी नहीं करनी चाहिए। इसलिए मैंने शादी करने का खयाल ही दिल से निकाल दिया।