नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। ईडी ने बताया कि अनिल देशमुख को जबरन वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया है। ऐसे में आपके मन में भी यह सवाल उठ रहा होगा कि आखिर कौन हैं अनिल देशमुख और उन्हें किस मामले में गिरफ्तार किया गया है।
कौन हैं अनिल देशमुख?
जैसा कि मैंने पहले ही बताया कि अनिल देशमुख उद्धव सरकार में गृह मंत्री रह चुके हैं और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता है। महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र से संबंध रखते हैं और अपने इलाके में अच्छी खासी पकड़ रखते हैं। देशमुख ने पहली बार 1995 में कटोल क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा था और जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे थे। देशमुख ने जनता के बीच अपनी इतनी जबरदस्त पकड़ बना ली कि साल 1999, 2004, 2009 और 2019 में उन्होंने इसी क्षेत्र से लगातार जीत हासिल की।
अपने करियर में सिर्फ एक बार चुनाव हारे
देशमुख उद्धव सरकार से पहले साल 2004 में पीडब्ल्यूडी मंत्री भी रह चुके हैं। वहीं साल 2009 से लेकर 2014 तक महाराष्ट्र के तत्कालीन सरकार में मंत्री रह चुके हैं। देशमुख अपने करियर में सिर्फ एक बार चुनाव हारे। साल 2014 में वह 5557 वोटों से हार गए थे। लेकिन 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में वे एक बार फिर से जीते और महाराष्ट्र सरकार में गृह मंत्री बने।
70 के दशक से राजनीतिक शुरुआत
बतादें कि देशमुख ने 70 के दशक से ही राजनीति शुरू कर दी थी। लेकिन 1992 में पहली बार उन्होंने जिला परिषद का चुनाव जीता। इसके बाद 1995 में निर्दलीय विधायक बने थे। इस चुनाव के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। कहा जाता है कि देशमुख हमेशा महाराष्ट्र के राजनीतिक महौल को भाप लेते हैं। 1999 में जब शरद पवार कांग्रेस का दामन छोड़कर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी बना रहे थे तब देशमुख भी इस पार्टी का हिस्सा बन गए। उनका ये फैसला सही भी साबित हुआ। क्योंकि उसी साल हुए चुनाव में जीतकर देशमुख महाराष्ट्र सरकार में मंत्री बने।
पहले अच्छे कारणों से चर्चा में रहते थे
अनिल देशमुख हमेशा से चर्चा में रहे हैं। ज्यादातर उन्हें अच्छी वजहों से जाना जाता है। इससे पहले जहां महाराष्ट्र में गुटखा बैन को लेकर वह चर्चा में थे, तो वहीं महाराष्ट्र के सिनेमाघरों में राष्ट्रगीत को अनिवार्य करने को लेकर भी उनकी काफी चर्चा हुई थी। लेकिन इस बार अनिल देशमुख भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते सुर्खियों में हैं।
कहानी यहां से शुरू होती है
इस कहानी की शुरुआत मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास से मिले विस्फोटक से होती है। इस घटना ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा था। बाद में मामले में मनसुख हिरेन की एंट्री होती है। जिसे मृत पाया गया था। उसकी मौत हत्या थी या आत्महत्या, इस सवाल के घेरे में आए पूर्व क्राइम ब्रांच के अधिकारी सचिन वाझे, उनकी गिरफ्तारी के बाद ये मामला काफी ज्यादा गरम हो गया। इस गरमाहट की आंच मुंबई के पुलिस कमिश्नर रहे परमबीर सिंह तक पहुंच गई। जब उन पर सवाल उठने लगे तो उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
100 करोड़ मांगने का लगया आरोप
इस इस्तीफे के बाद अनिल देशमुख की मुश्किलें बढ़ने लगीं। क्योंकि परमबीर सिंह ने अचानक सीएम उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिख डाली और आरोप लगाया कि गृहमंत्री अनिल देशमुख उनसे 100 करोड़ मांग रहे थे इसलिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया। अब अनिल देशमुख इसी मामले में पूरी तरह से फंस गए हैं। क्योंकि ED ने उन्हें लंबे पूछताछ के बाद सोमवार को गिरफ्तार कर लिया है।