हाइलाइट
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आज महात्मा गाँधी की पुण्यतिथि
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नाथूराम गोडसे ने की बापू की हत्या
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आज़ाद भारत में केवल 5 महीने रहे
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अपनी ही मौत को बताया सौभाग्य
Shaheed Diwas 2024: हर वर्ष 30 जनवरी को गाँधी जी की पुण्यतिथि के रूप में मनाया जाता है.सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले महात्मा गांधी ने अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया था.कई लोग उन्हें बापू भी कहा जाता था. लेकिन गांधीजी की मृत्यु उनके जीवन की सबसे यादगार और इतिहास के पन्नों में दर्ज सबसे दुःखदाई घटना है.आज तक सभी के मन में यही सवाल है कि आखिर क्यों नाथूराम गोडसे ने गाँधी जी की हत्या की.आज 30 जनवरी के ही दिन सन 1948 की शाम में नाथूराम विनायक गोडसे ने मोहनदास करमचंद गांधी की बहुत नजदीक से गोली मारकर हत्या कर दी थी. जब भारत के सबसे प्रतिष्ठित नेता राजधानी दिल्ली में एक प्रार्थना सभा से निकले थे.आज हम आपको उनकी हत्या से जुड़े कुछ ख़ास तथ्य बताएँगे.
आज़ाद भारत में बस पांच महीने ही रहे जीवित
बता दें सन् 1947 में 15 अगस्त को भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली थी. इस आजादी में महात्मा गाँधी का सबसे बड़ा योगदान था. लेकिन भाग्य ने कुछ और ही लिखा था. आपको जानकर हैरानी होगी की महात्मा गाँधी ने जिस भारत को आज़ाद करने में सबसे ज्यादा योगदान दिया था वही आज़ाद भारत में 5 महीने से ज्यादा नहीं रह पाए.क्यूंकि नाथूराम गोडसे द्वारा 30 जनवरी 1948 को सभा की बीच में ही गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी.
अपनी ही मौत को बताया सौभाग्य
गाँधी जी एक शयद ही ऐसे व्यक्ति होंगे जिन्होने अपनी मृत्यु को सौभाग्य बताया था. जी हाँ गाँधी जी को मारने के 30 जनवरी के पहले भी प्रयास किया गया था. 20 जनवरी को गाँधी जी की मृत्यु का पहला प्रयास किया गया था. जिसके बाद उन्होंने दस दिनों तक बातचीत, पत्रों और प्रार्थना सभा के भाषणों में 14 बार अपनी मृत्यु का ज़िक्र किया था. इतना ही नहीं उन्होंने 21 जनवरी को भी कहा था कि , “अगर कोई मुझ पर बहुत पास से गोली चलाता है और मैं मुस्कुराते हुए, दिल में राम नाम लेते हुए उन गोलियों का सामना करता हूं तो मैं बधाई का हक़दार हूं.””ये मेरा सौभाग्य होगा अगर ऐसा मेरे साथ होता है.”
पहले बुर्के में मारने की थी साजिश
गाँधी जी की हत्या की प्लानिंग में पहले उन्हें सामने से मारने के लिए नाथूराम गोडसे बुर्के का इस्तेमाल करने वाले थे.लेकिन गोडसे ने सोचा कि उसके हाथ बुर्के की तहों में फंसकर रह जाते थे. तो ऐसे में वह जल्दी से अपनी पिस्तौल नहीं निकाल पाएगा.साथ औरतों के लिबास में पकड़ा जाउंगा. जिससे मेरा मजाक उड़ाया जाएगा.इसलिए नाथूराम गोडसे को सिलेटी रंग का सूट पहनाया गया था.जिसके बाद गोडसे ने अपनी बेरेटा पिस्तौल निकाली और उसमें 7 गोलियां भरी गईं। जिससे नाथूराम गोडसे ने गांधी जी की हत्या की थी.