Farmers Protest Live Update: संयुक्त किसान मोर्चा (Apolitical) और किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के आह्वान पर सोमवार 16 दिसंबर को पंजाब के अलावा अन्य राज्यों में भी ट्रैक्टर मार्च निकाला जा रहा है। किसान नेताओं ने इसको लेकर कहा था कि सोमवार 16 दिसंबर को जिला और तालुका स्तर पर बड़ा ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा।
किसान के अनुसार तमिलनाडु में 15 स्थानों पर ट्रेनें रोकी जाएंगी। इसके बाद 18 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक पंजाब में रेल रोको कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसके बाद ही किसान दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं।
वहीं हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन चल रहा है। केंद्रीय गृह निदेशक मयंक मिश्रा ने रविवार को किसान नेता जगजीत दल्लेवाल से मुलाकात की, जो 20 दिनों से आमरण अनशन पर हैं। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव भी पहुंचे।
यह भी पढ़ें- Kisan Protest: शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर निकले किसानों पर आंसू गैस के गोले भी दागे गए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने शनिवार को बैठक की। जिसमें प्रधानमंत्री मोदी को किसान आंदोलन के बारे में जानकारी दी गई। इस बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे।
दरअसल, फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) समेत 13 मांगों को लेकर किसान 26 नवंबर से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। इस दौरान किसानों द्वारा दिल्ली की ओर मार्च करने के तीन प्रयास विफल हो गए।
ये हैं किसानों की मांगें
- सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाया जाना चाहिए।
- कीमत का निर्धारण डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर किया जाना चाहिए।
- डीएपी खाद की कमी दूर की जाए।
- किसानों और खेत मजदूरों के कर्ज माफ किए जाएं और पेंशन दी जाए।
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को पुनः लागू किया जाना चाहिए।
- लखीमपुर खीरी की घटना के दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।
- मुक्त व्यापार समझौतों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
- किसान आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए।
- विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को निरस्त किया जाना चाहिए।
- मनरेगा के तहत हर साल 200 दिन काम और 700 रुपये प्रतिदिन का भुगतान किया जाना चाहिए।
- नकली बीज, कीटनाशक और उर्वरक बेचने वाली कंपनियों के खिलाफ सख्त कानून बनाए जाने चाहिए।
- मिर्च, हल्दी और अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाना चाहिए।
- संविधान की अनुसूची 5 को लागू करके आदिवासियों की जमीन की लूट रोकी जानी चाहिए।
यह भी पढ़ें- देश के करोड़ों किसानों के लिए खुशखबरी: बिना गारंटी के ले सकेंगे 2 लाख रुपये का लोन