नई दिल्ली। Roti Kub Nahi Banan Chahiye: हमारे हिन्दू धर्म में कई ऐसे मौके आते हैं जब कहा जाता है कि उस दिन रोटी नहीं बनाना चाहिए। पर क्या आप जानते हैं ऐसे कौन से दिन हैं जब रोटी बनाना अशुभ माना जाता है। यदि नहीं तो चलिए आज हम पंडित रामगोविंद शास्त्री से जानने की कोशिश करते हैं कि ऐसा कब होता और क्यों होता है।
दिवाली के दिन (Diwali)
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार दीपावली साल का सबसे बड़ा त्योहार है। शास्त्र के अनुसार, दिवाली के दिन घर में रोटी नहीं बनाई जानी चाहिए। इस दिन खास पकवान घर में बनाने चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं। दिवाली के दिन रोटी न बनाकर अच्छे अच्छे पकवान बनाने चाहिए।
शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima)
ऐसा माना जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था। यही कारण है कि इस दिन घर में कच्चा खाना नहीं बनाना चाहिए। बल्कि खीर और पूरी बनाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इस दिन कहा जाता है कि इस दिन चांद से अमृत बरसता है। इसलिए शरद पूर्णिमा पर खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखनी चाहिए।
शीतला अष्टमी (Sheetla Ashtmi)
शीतला अष्टमी के दिन मां शीतला की पूजा की जाती है। इस दिन बासी खाने का भोग लगाया जाता है। इसी प्रसाद को भोग के बाद ग्रहण किया जाता है। इस दिन घर में रोटी या कोई ताजा भोजन भी नहीं बनाना चाहिए।
किसी की मृत्यु होने पर (On Death)
हमारे हिन्दू धर्म में पुराणों में कहा गया है कि जब भी घर में किसी की मृत्यु हो जाती है उस दिन घर में रोटी नहीं बनानी चाहिए। बल्कि 13वीं संस्कार होने के बाद रोटी बनती है।
नागपंचमी (Nagpanchami)
कहते हैं नाग पंचमी के दिन घर में तवा नहीं चढ़ता है। यही कारण है कि इस दिन तवा पर रोटी नहीं बनाई जाती। शास्त्रों के अनुसार, तवे को नाग के फन का प्रतीक के रूप में माना जाता है। इसके अलावा आप कढ़ाई भगौने या पतीले में कोई भी भोजन बना सकते हैं।
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नोट: इस लेख में दी गई सभी सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।