Kawardha Road Accident: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा ने कवर्धा में सड़क हादसे में 19 मौतों को जनहित याचिका माना है. डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार, राष्ट्रीय राजमार्ग सड़क परिवहन (NHAI) और सभी पक्षकारों से शपथ पत्र के साथ जवाब मांगा है. इसके साथ ही HC ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सड़क सुरक्षा को लेकर दिशा निर्देश पर अब तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करें.
कोर्ट ने मामले (Kawardha Road Accident) की अगली सुनवाई की तारीख 26 जून रखी है. चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने कहा कि पिकअप में इतने लोगों को बैठाया गया और वह पलट गई, यह एक गंभीर घटना है. राज्य शासन, एनएचआई, परिवहन विभाग और कलेक्टर सहित पक्षकार इस तरह के हादसे रोकने के लिए क्या उपाय कर सकते हैं, इस पर शपथ पत्र दें.
साथ ही यह भी कहा कि सड़क सुप्रीम कोर्ट ने हादसे रोकने के लिए गाइडलाइन जारी किया है. जिस पर राज्य शासन ने क्या कार्रवाई की? इसकी रिपोर्ट भी प्रस्तुत करें.
कवर्धा सड़क हादसे में 19 लोगों की हुई थी मौत
बता दें कि छत्तीसगढ़ के कवर्धा में बीते सोमवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया. जहां के वनांचल क्षेत्र कुकदुर के बाहपानी गांव में तेज रफ्तार पिकअप अनियंत्रित होकर 20 फीट गहरे गड्ढे में जा गिरी. हादसे में 19 लोगों ने अपनी जान गवाईं. सभी मृतक सेमरहा गांव के थे. वाहन में 30 लोगों को बैठाया गया था. ये सभी मजदूर तेंदूपत्ता तोड़कर जंगल से घर वापस लौट रहे थे. कोर्ट ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है.
क्या कहती है सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन?
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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने देश भर में सड़क हादसे रोकने के लिए रोड सेफ्टी सेल का गठन करने का आदेश दिया है.
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SC के आदेश के मुताबिक, केंद्र सरकार के साथ ही सभी राज्यों और जिलों में कमेटी बनाई जानी चाहिए.
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अलग-अलग राज्यों में सड़क हादसों को रोकने के लिए अलग-अलग सड़क सुरक्षा समितियां बनाई गई हैं.
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ये सुरक्षा समितियां अलग तरह से काम करती हैं. जो सड़क हादसों की समीक्षा कर उन्हें रोकने के लिए भी कदम उठाएगी.
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सड़क हादसों की समीक्षा और उठाए कदमों की जानकारी राज्य और केंद्र को देगी.
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हादसों से जुड़ी रिपोर्ट सार्वजनिक भी करेगी.
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केंद्र और राज्य स्तर पर निगरानी रखने के साथ इसकी रोकथाम के लिए विस्तृत योजना भी तैयार की जाएगी.
कौन होते हैं सड़क सुरक्षा समिति के सदस्य?
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सड़क सुरक्षा समिति में कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक, जिला परिवहन अधिकारी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी शामिल रहेंगे.
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लोक निर्माण विभाग और राजमार्ग मंत्रालय के प्रतिनिधि सदस्य होंगे.
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शहरी सीमाओं के लिए नगर पालिका के कार्यकारी अधिकारी भी समिति में शामिल रहेंगे.
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समिति में एनजीओ के सदस्यों को भी शामिल किया जाएगा.
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कलेक्टर को हर माह लेनी होगी मीटिंग
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आदेश के अनुसार, कलेक्टर को समिति की ऑनलाइन मीटिंग हर 15 दिन में लेनी होगी.
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इस मीटिंग में माह में जिले में हुए सभी सड़क हादसों की रिपोर्ट पर चर्चा होगी.
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बड़े हादसों के मामलों में फोरेंसिक जांच की भी व्यवस्था करना होगी.
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मीटिंग और सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी देनी होगी
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ये जानकारी ऑनलाइन सार्वजनिक पोर्टल पर अपलोड करनी होगी और सड़क परिवहन मंत्रालय को भी भेजना होगी.