KASHI VISHWANATH : भगवान भोले को भक्त ने दान किया 60 किलो सोना,सज गया दरबार

UTTARPRADESH: देश के बारह ज्योतिर्लिंगों(twelve jyotirlinga) में से एक श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर(KASHI VISHWANATH) सोने की आभा में डूब चुका है।इसकी वजह है एक गुप्तदान।दरअसल बाबा बर्फानी के किसी भक्त ने 60 किलो सोने का दान किया था।इस सोने से काशी विश्वनाथ का गर्भगृह और गर्भगृह के चारों गेट स्वर्ण मंडित हो चुके हैं। यह काम लगभग 6 महीने में पूरा हो सका। मंदिर का आभा अब देखते ही बन रही है।
सोने का शिखर
काशी विश्वनाथ मंदिर(KASHI VISHWANATH) के शिखर को आपने देखा ही होगा।आपको बता दें 1835 में पंजाब के तत्कालीन महाराजा रणजीत सिंह(mahraja ranjeet singh) ने दो शिखरों पर 22 मन सोना (880 किलो सोना) लगवाया था। जिसके बाद अब जाकर दक्षिण भारत के गुप्त दानदाता की वजह से 60 किलो सोने मंदिर का गर्भगह, गर्भगृह के चारों गेट और शिखर के नीचे का 8 फिट छोड़कर स्वर्णमंडित करने का काम पूर्ण हो चुका है।बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह शिखर से लेकर नीचे तक स्वर्णिम आभा में डूब चुका है। गर्भगृह में लगभग 37 किलो सोना का पत्तर लगा दिया गया है, जो शिवरात्रि पर ही पूर्ण हो चुका था और पीएम ने अपने आगमन पर इसकी जमकर तारीफ भी की थी। तो अब 23 किलो सोने से बाहरी दीवार और चारों गेट को भी स्वर्णमंडित कर दिया गया है। स्वर्णमंडित हुए हिस्से पर एक्रेलिक शीट भी लगा दी गई है ताकि वे गंदी न होने पाए।
यानि की बाबा विश्वनाथ मंदिर की शोभा 940 किलो सोने से सज चुका है।और उम्मीद है कि बाबा जल्द ही आपको दर्शन के लिए बुलाएंगे।