(रिपोर्ट- अभिषेक सिंह)
Kashi Tamil Sangam 3.0: काशी तमिल संगम 3.0 के लिए पहला दल का वाराणसी पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन से तमिलनाडु के राज्यपाल थिरू आरएन रवि ने उनकी विशेष गाड़ी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। बनारस रेलवे स्टेशन पहुँचने पर शंख ध्वनि,डमरू के निनाद और ढोल की थाप के बीच तिलक लगाकर और माल्यार्पण कर रेड कारपेट पर स्वागत किया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे शुरुआत
काशी-तमिल संगमम के तीसरे संस्करण का शुरुआत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। नमो घाट पर आयोजित शुभारंभ कार्यक्रम में सीएम योगी काशी और तमिल के बीच पूर्व काल से चली आ रही रिश्तों की प्रगाढ़ता को और कैसे मजबूत किया जाए जैसे विषयों पर सम्बोधित भी कर सकते है।
यह भी पढ़े: UP BJP: क्या फिर अटकेगी भाजपा जिलाध्यक्षों की सूची, मानकों में हुई अनदेखी, ये है पूरा मामला
काशी में करेंगे भ्रमण आगंतुक
काशी-तमिल संगमम में शामिल होने वाले मेहमानों को ई-बसों से हनुमान घाट पर गंगा स्नान करने के बाद राष्ट्रकवि सुब्रमण्यम भारती के प्रवास स्थल पर जाएंगे जिसके बाद काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन, रामनगर के प्राचीन किले का भ्रमण,काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में आयोजित अकादमिक सत्र में सहभागिता करने के साथ नमो घाट पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे।
काशी-तमिल संगमम में कौन-कौन होगा शामिल?
तमिलनाडु से आने वाले शिक्षक, छात्र, किसान,कारीगर,पेशेवर और छोटे उद्यमियों के अलावा महिलाओं और शोधकर्ता भी काशी के ‘नमो’ घाट पर आयोजित होने वो इस बड़े कार्यक्रम में शामिल होंगे और उन्हें उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम तट पर महाकुंभ मेले में भागीदारी का मौका मिलेगा। ताकि उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु के बीच सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक रिश्तों में प्रगाढ़ता लाया जा सके।
काशी तमिल संगमम-3 की थीम: ऋषि अगस्त्य के योगदान को समर्पित
काशी तमिल संगमम-3 का मुख्य विषय ऋषि अगस्त्य के महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित करना है, जिन्होंने सिद्धा चिकित्सा पद्धति (भारतीय चिकित्सा प्रणाली), शास्त्रीय तमिल साहित्य और देश की सांस्कृतिक एकता में अमूल्य भूमिका निभाई। इस आयोजन के दौरान, ऋषि अगस्त्य के व्यक्तित्व और उनके विभिन्न योगदानों को प्रदर्शित करने वाली एक विशेष प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी।
इस प्रदर्शनी में ऋषि अगस्त्य के जीवन के विभिन्न पहलुओं, जैसे स्वास्थ्य, दर्शन, विज्ञान, भाषाविज्ञान, साहित्य, राजनीति, संस्कृति और कला पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। साथ ही, तमिल भाषा और तमिलनाडु के लिए उनके अद्वितीय योगदान को भी उजागर किया जाएगा। यह आयोजन भारत की सांस्कृतिक विरासत और तमिल संस्कृति के प्रति ऋषि अगस्त्य के समर्पण को समर्पित है।
पीएम मोदी समेत तमाम हस्तियां हो चुकी है शामिल
काशी-तमिल संगमम के पहले और दूसरे संस्करण में पीएम मोदी समेत तमाम हस्तियां शामिल हो चुकी है। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम का उदेश्य उत्तर और दक्षिण के मध्य सामाजिक,आर्थिक, लराजनैतिक, सांस्कृतिक,भाषाई क्षेत्र के दूरियों को कम करना है। यही कारण है लागातार तीसरे संस्करण में तमिलनाडु के अलग-अलग हिस्सों ने आने वाले प्रतिनिधि मंडलों को यहाँ की विरासत के साथ-साथ अन्य सभी पहलुओं से रु-ब-रु कराया जाएगा।