Karnataka: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत के बाद कांग्रेस की सरकार आ चुकी है। वहीं, सरकार बनने के कुछ दिन बाद ही राज्य के पशुपालन मंत्री टी. वेंकटेश का विवादित बयान सामने आया है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर कोई भैंस और बैल का वध कर सकता है, तो गाय का वध करने में क्या गलत है?
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कर्नाटक के पशुपालन और पशु चिकित्सा विज्ञान मंत्री के वेंकटेश ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि किसानों को वृद्ध मवेशियों को रखने और मृत पशुओं के निपटान में कठिन समय का सामना करना पड़ रहा है। इस सबंध में जल्द ही निर्णय लिया जाएगा, जो किसानों के लिए काफी हितकर होगा।
वापस लिया जाएगा विधेयक
पशुपालन मंत्री टी. वेंकटेश का बयान ऐसे समय में आया है जब कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस सख्त कर्नाटक गोहत्या रोकथाम और मवेशी संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2020 को लेकर विचार कर रही है। साल 2021 में तत्कालीन सत्तारूढ़ भाजपा ने राज्य विधानसभा में इसको लेकर विधेयक पारित किया था। हालांकि, मंत्री का कहना है कि विचार-विमर्श के बाद वध रोकथाम और मवेशी संरक्षण अधिनियम को वापस लिया जाएगा।
भाजपा ने लगाया ये आरोप
उधर कांग्रेस मंत्री के विवादित बयान के बाद भाजपा ने पलटवार किया है। भाजपा ने इसे हिंदुओं का अपमान करार दिया है। भाजपा ने कहा कि कांग्रेस सरकार एक वर्ग को खुश करने के लिए इस तरह की घोषणाएं कर रही है। इससे पहले बजरंग दल पर बैन लगाने की घोषणा पर बवाल मचा था।
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गौहत्या विरोधी विधेयक क्या है?
इस विधेयक में राज्य में गायों की हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने और तस्करी, अवैध परिवहन, गायों पर अत्याचार और उनकी हत्या करने वालों को कड़ी सजा देने की मांग की गई है। अध्यादेश के अनुसार, मवेशियों के वध पर 50,000 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक के जुर्माने के साथ 3-7 साल तक की कैद हो सकती है। बाद के अपराधों के लिए सात साल की जेल और 1 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।