हाइलाइट्स
-
10 प्रतिशत टैक्स वसूलेगी कांग्रेस सरकार
-
भड़की भाजपा, फैसले को बताया ‘हिंदू विरोधी’
-
चौतरफा अटैक पर कांग्रेस ने दी सफाई
Karnataka Govt Temple Tax: कर्नाटक सरकार ने विधानसभा में मंदिरों पर टैक्स का एक बिल पास किया है। इसके तहत किसी मंदिर की आय 1 करोड़ रुपए है, तो उसे 10% और यदि मंदिर की आय 1 करोड़ से कम और 10 लाख से अधिक है तो उसे 5% टैक्स सरकार को देना होगा।
यह बिल कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती बिल 2024 है। इस को लेकर सत्ताधारी कांग्रेस सरकार के विरोध में भाजपा समेत कई संत भी उतर आए हैं। हालांकि कांग्रेस ने बिल का बचाव करते हुए कहा है कि राज्य में 40 से 50 हजार पुजारी हैं जिनकी सरकार मदद करना चाहती है।
भाजपा के आरोपों का खंडन करते हुए सरकार ने कहा कि यह प्रावधान नया नहीं है, बल्कि 2003 से अस्तित्व में है। मौजूदा सरकार ने सिर्फ स्लैब में एडजस्टमेंट किया है।
सुप्रीम कोर्ट तक जाकर लड़ेंगे लड़ाई
इस मुद्दे पर कर्नाटक में बीजेपी के रुख को लेकर कहा कि विजयेंद्र येदियुरप्पा ने कहा कि कांग्रस सरकार राज्य में लगातार हिंदू विरोधी नीतियां अपना रही है कांग्रेस हिंदू परिवारों पर भी अपनी तानाशाही लागू कर रही है। इसको लेकर उन्होंने कहा कि हम राज्यपाल से मांग करते हैं कि कि इसे मंजूरी न दी जाए और हम इसके लिए सुप्रीम कोर्ट तक में जाकर चैंलेंज करेंगे।
सरकार पर चौतरफा हमला
विधेयक को लेकर कर्नाटक में राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। भाजपा के आरोपों पर कांग्रेस सरकार के मंत्री रामालिंगा रेड्डी ने कहा कि भाजपा धर्म को लेकर राजनीति कर रही है बल्कि कांग्रेस हिंदू धर्म की सबसे बड़ी हितकारी है।
कांग्रेस ने कहा कि उनकी सरकार ने लगातार हिंदू मंदिरों और हिंदू हितों को सुरक्षित किया है। वहीं केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि ‘राहुल गांधी देश में भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं, वहीं कर्नाटक में उनकी सरकार ऐसा विधेयक लेकर आई है जो डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के एटीएम को फंड करेगा।
यह तुष्टिकरण की राजनीति का निचला स्तर है और हम इस विधेयक का विरोध करेंगे।’
सरकार की क्या है दलील?
सरकार की मानें तो राज्य में राज्य में 40,000 से 50,000 पुजारी हैं, जिनकी राज्य सरकार मदद करना चाहती है। सरकार चाहती है कि यदि यह धनराशि धार्मिक परिषद तक आती है तो उन्हें बीमा कवर दिया जा सकता है।
सरकार के मंत्री रामलिंगा रेड्डी का कहना है कि हम चाहते हैं कि अगर उनके साथ कुछ होता है तो उनके परिवारों को कम से कम पांच लाख रुपये मिलें। प्रीमियम का भुगतान करने के लिए हमें सात करोड़ रुपये से आठ करोड़ रुपये की आवश्यकता है।
मंत्री ने कहा कि सरकार मंदिर के पुजारियों के बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान करना चाहती है, जिसके लिए सालाना पांच करोड़ से छह करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी।