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Kanker Naxal Encounter: कांकेर मुठभेड़ मामले में कांग्रेस ने जांच समिति का किया गठन, पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ करने का आरोप

kanker Naxal Encounter: कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा थाना क्षेत्र में कथित मुठभेड़ मामले में कांग्रेस ने जांच समिति गठित की है

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Bansal news
Kanker Naxal Encounter: कांकेर मुठभेड़ मामले में कांग्रेस ने जांच समिति का किया गठन, पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ करने का आरोप

   हाइलाइट्स

  • कांकेर के कोयलीबेड़ा में हुई थी मुठभेड़

  • सात सदस्यीय जांच समिति का गठन

  • ग्रामवासियों से चर्चा कर जानेंगे हकीकत

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Kanker Naxal Encounter: कांकेर (Kanker) जिले के कोयलीबेड़ा (Koylibeda) थाना क्षेत्र में कथित मुठभेड़ मामले में कांग्रेस ने जांच समिति गठित की है. सात सदस्यीय जांच समिति टीम में पूर्व विधायक शिशुपाल सोरी को संयोजक बनाया गया है. 

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समिति के सदस्य प्रभावित गांवों का दौरा कर पीड़ित परिजनों और स्थानीय ग्रामवासियों से चर्चा करेंगे.  सदस्य घटना (Kanker Naxal Encounter)  की स्थिति से अवगत होकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी को रिपोर्ट सौपेंगे.

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   सात सदस्यीय जांच समिति का गठन

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने ग्रामीणों के आरोप (Kanker Naxal Encounter)  के बाद पूर्व विधायक शिशुपाल सोरी के नेतृत्व में सात सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है.

जिसमें पूर्व विधायक संतराम नेताम, बीरेश ठाकुर, नरेश ठाकुर, रूपसिंह पोटाई, पूर्व विधायक शंकरलाल ध्रुवा और जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुभद्रा सलाम शामिल हैं. 

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   क्या है मामला? 

दरअसल 25 फरवरी के दिन कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा इलाके के हुरतराई जंगल में मुठभेड़ (Kanker Naxal Encounter) की खबर सामने आई. पुलिस ने बताया कि उन्होंने मुठभेड़ में 3 माओवादियों को मार गिराया है. लेकिन ग्रामीण मारे गए 3 लोगों को आम नागरिक बता रहे हैं. 

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वहीं घटना (Kanker Naxal Encounter) के समय दो और लोग मौके पर मौजूद थे. जो तीन दिन बीत जाने के बाद सामने आए. उनका कहना है वह नक्सली नहीं आम लोग हैं. उन्हें पुलिस नक्सली बता रही है. इसको लेकर उन्होंने जिला मुख्यालय में प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा. 

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   तेंदूपत्ता बांधने के लिए रस्सी लेने गए थे जंगल

जिला मुख्यालय पहुंचे मुकेश और सुबार सिंह ने बताया कि वह सिर्फ ग्रामीण हैं. उन्होंने कहा कि इस घटना (Kanker Naxal Encounter) में कुल 5 लोग मारे गए जिसमें कथित रूप से 3 माओवादी बताए जा रहे हैं.

24 फरवरी दिन सभी जंगल से तेंदूपत्ता बांधने के लिए रस्सी लेने गए थे. उन्होंने कहा कि 25 फरवरी के दिन सुबह अनिल और 2 अन्य खाना बना रहे थे. 

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इस दौरान वह दोनों उनसे कुछ दूरी पर रस्सी काट रहे थे. तभी गोलियों की आवाज आई. दोनों गोलियों की आवाज सुनकर डर गए और वहां से भाग खड़े हुए और दूसरे दिन शाम में घर पहुंचे.

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उन्होंने बताया कि जब वे घर पहुंचे तो पता चला कि अनिल और दो अन्य को मुठभेड़ (Kanker Naxal Encounter) में मारकर नक्सली बताया जा रहा है. जबकि ना मारे गए तीनों और हम दोनों नक्सली नहीं है. पुलिस मुकेश के पांव में गोली लगने की बात कह रही है. जबकि मुकेश पूरी तरह से सुरक्षित है. 

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मुकेश ने बताया कि उनके पास उनकी पहचान बताने के लिए काफी सरकारी दस्तावेज है. उन्हें सरकारी योजना का लाभ भी मिलता है और वह गांव में रहकर खेती किसानी का कार्य करते हैं. उन्होंने कहा कि वे कुछ महीने पहले विधानसभा चुनाव में भी वोटिंग की है. उनका नक्सलियों (Kanker Naxal Encounter) से कोई संबंध नहीं है. 

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