Kanha Shanti Vanam: कान्हा शांति वनम हैदराबाद से 40 किलोमीटर दूर स्थित एक पारिस्थितिक अभयारण्य है, जिसे हार्टफुलनेस आंदोलन द्वारा वनों के संरक्षण के हिस्से के रूप में बनाया गया है।
हैदराबाद में 1400 एकड़ में एक सबसे बड़ा आश्रम है जिसे हम कान्हा शान्ति वनम के नाम से जानते हैं।
यहां करीब एक लाख लोग एक साथ मेडिटेशन कर सकते हैं। इसके अलावा यहां सभी लोगों के रहने-खाने की व्यवस्था भी यहां की गई है।
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से लेकर क्रिकेटर रोहित शर्मा और कई बड़ी हस्तियां यहां मेडिटेशन करने आ चुके हैं।
भारत को टोक्यो ओलिंपिक में मेडल दिलाने के बाद पीवी सिंधू यहां आई थी और अपना मेडल आश्रम को डेडिकेट किया था।
आश्रम में हर वर्ग-समुदाय के लोग नि:शुल्क मेडिटेशन के लिए आते हैं।
अभी 2024 में कान्हा शान्ति वनम के यात्रा गार्डन लाइटिंग डिज़ाइन परियोजना को AADA अवाॅर्ड्स में वैश्विक मान्यता मिली है और हाल ही में सिंगापुर में शुरू हुए “एशिया आर्किटेक्चर डिज़ाइन अवाॅर्ड्स– 2024” में “सर्वश्रेष्ठ लाइटिंग डिज़ाइन” का अवाॅर्ड्स भी जीता है।
अमेरिका के करोड़पति लोग यहां करते हैं मेडिटेशन
अमेरिका के अटलांटा में 400 करोड़ की कंपनी के मालिक खुद ‘हार्टफुलनेस’ से जुड़े हैं।
वे बताते हैं कि 23 साल की उम्र में उन्होंने यहीं से मेडिटेशन शुरू किया था। इनके संबंध में आश्रम की किचन में काम करने वाले कर्मचारी बताते हैं कि ये कई सालों से आश्रम से जुड़े हुए हैं।
यहीं काम भी करते हैं और मेडिटेशन भी करते हैं।
मेडिटेशन के लिए कुछ छोड़ने की नहीं है जरूरत
हार्टफुलनेस के मार्गदर्शक कमलेश पटेल ‘दाजी’ कहते हैं- मेडिटेशन एक ही जीवनकाल में और सभी कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए संभव है।
यानी मेडिटेशन के लिए आपको कुछ छोड़ना नहीं पड़ता और न ही इसके लिए किसी त्याग की जरुरत है। बस आप अपने जीवन में थोड़ा सा समय निकालकर मेडिटेशन कर सकते हैं।
कब हुई थी इसकी शुरुआत
श्री राम चंद्र मिशन ( एसआरसीएम ) एक गैर-लाभकारी संगठन और भारत में जन्मा एक आध्यात्मिक आंदोलन है, जो “सहज मार्ग” या “हार्टफुलनेस मेडिटेशन” का अभ्यास सिखाता है।
इसे 1945 में शाहजहाँपुर, उत्तर प्रदेश के राम चंद्र द्वारा रजिर्स्टड किया गया था। इसका वर्तमान मुख्यालय हैदराबाद, तेलंगाना के पास रंगा रेड्डी जिले के कान्हा गाँव, कान्हा शांति वनम में है।
106 देशों में हैं मेडिटेशन के ऐसे आश्रम
भारत के साथ दुनिया के कई लोग मेडिटेशन को सात्विक तौर पर ध्यान करने का योग समझते हैं, लेकिन ‘हार्टफुलनेस’ संस्थान पिछले 75 साल से इसके उलट लोगों को बिना कुछ त्यागे, सबकुछ पाने की प्रक्रिया निःशुल्क सिखा रहा है।
हार्टफुलनेस की स्थापना श्रीरामचंद्र मिशन के नाम से 1945 में हुई थी, लेकिन अब यह 106 देशों में फैल चुका है।
जयपुर, जोधपुर समेत हर बड़े शहर में इसके आश्रम हैं, लेकिन हैदराबाद में इसका सबसे बड़ा आश्रम कान्हा शान्ति वनम है।
इस सबसे बड़े आश्रम में भारत देश के कई बड़े चेहरे आते हैं और साथ ही साथ दुनिया के कोने-कोने से लोग यहां पहुंचते हैं।
केवल 3 दिनों की होती है ट्रेनिंग
आपको हॉर्टफुलनेस में ट्रेनर के साथ सिर्फ 3 दिन की ही ट्रेनिंग करनी होती है। सुबह की सिटिंग को मेडिटेशसन या रिलेक्सेशन और शाम की सिटिंग को क्लीनिंग कहते हैं।
रिलेक्सेशन में सारे विचारों को रोककर अपने अंदर दिव्यता को महसूस करना होता है, जबकि क्लीनिंग में सारे निगेटिव फीलिंग को खत्म करने की कोशिश करनी होती है।
ये प्रक्रिया 15 से 20 मिनट तक ही चलती है। केवल ट्रेनर आपको 3 दिन तक ट्रेनिंग देता है इसके बाद आपको खुद ही घर पर इसका अभ्यास करना होता है, हालांकि हर रविवार को सामूहिक मेडिटेशन होता है, जिसमें दाजी लोगों से मिलते हैं।
मेडिटेशन घंटों चलने वाली प्रक्रिया नहीं है। इसे कुछ मिनटों में अच्छे से पूरा किया जा सकता है।
कान्हा शांति वनम के मुख्य उद्देश्य के बारे में जानें आप
जैव विविधता संवर्धन (Biodiversity Enhancement): कान्हा शांति वनम क्षेत्र की जैव विविधता में महत्वपूर्ण योगदान को प्राथमिकता देता है।
रणनीतिक वृक्षारोपण के माध्यम से, परियोजना का उद्देश्य पश्चिमी घाट की समृद्धि को प्रतिबिंबित करने वाला एक संपन्न पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना है, जो पौधों और जानवरों की विभिन्न प्रजातियों का समर्थन करता है।
जल स्तर में सुधार (Water Table Improvement): जल संरक्षण में वनों की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए, कान्हा शांति वनम स्थानीय जल स्तर पर सकारात्मक प्रभाव डालने का प्रयास करता है।
गहरी जड़ प्रणाली वाले देशी वृक्ष प्रजातियों के विकास को बढ़ावा देकर, परियोजना का उद्देश्य मिट्टी में जल प्रतिधारण को बढ़ाना, कटाव को कम करना और समग्र जलग्रहण क्षेत्र के स्वास्थ्य में योगदान देना है।
सामुदायिक सशक्तिकरण और आय विविधीकरण (Community Empowerment and Income Diversification): कान्हा शांति वनम का उद्देश्य कृषि वानिकी प्रथाओं के माध्यम से स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाना है।
पारंपरिक फसलों के साथ-साथ आर्थिक रूप से व्यवहार्य वृक्ष प्रजातियों को लगाने का उद्देश्य भागीदार किसानों के लिए आय के स्रोतों में विविधता लाना, आर्थिक लचीलापन बढ़ाना और टिकाऊ भूमि उपयोग प्रथाओं को बढ़ावा देना है।
समग्र पारिस्थितिकी तंत्र बहाली (Overall Ecosystem Restoration): इस परियोजना का लक्ष्य कान्हा शांति वनम के आसपास के पूरे पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली करना है।
देशी वृक्ष प्रजातियों के सावधानीपूर्वक चयन के माध्यम से, इसका उद्देश्य संतुलित और लचीला वातावरण बनाना, वन्यजीवों के लिए आवास प्रदान करना, मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार करना और समुदाय की समग्र भलाई में योगदान देना है।
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