हाइलाइट्स
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छिंदवाड़ा में फिर सियासी उठा- पटक की चर्चा सरगर्म
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राहुल गांधी की न्याय यात्रा से क्यों दूर रहे नकुलनाथ
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कांग्रेस पार्षदों को क्यों नाथ के पक्ष में दिलानी पड़ी शपथ
रिपोर्ट- मनीष त्रिपाठी
MP Politics: कमलनाथ के बीजेपी जाने के कयास पर खुद नाथ पूर्ण विराम लगा चुके हैं। पर जैसा दिख रहा है क्या वैसा ही सबकुछ है या फिर छिंदवाड़ा में कोई सियासी चिंगारी सुलग रही है।
क्या नाथ के घर में कुछ बड़ा होने वाला है। एक बार फिर राजनीतिक (MP Politics) गलियारों में छिंदवाड़ा को लेकर खबरों का बाजार गर्म है।
9 मार्च को कुछ बड़ा होने के संकेत
राजनीतिक (MP Politics) गलियारों में चर्चा है कि 9 मार्च को कुछ बड़ा हो सकता है। इन चर्चाओं को बल इसलिए भी मिला क्योंकि एक दिन पहले ही छिंदवाड़ा के 7 निगम पार्षद बीजेपी में शामिल हुए।
इसका असर ये रहा कि बुधवार को बदनावर में हुई बैठक में न तो नकुलनाथ पहुंचे और न ही छिंदवाड़ा से कोई कांग्रेस विधायक इस बैठक में शामिल हुआ।
कांग्रेस फिर से चुनाव जीतेगी
पूर्व सीएम कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले का दावा है कि छिंदवाड़ा भाजपा मुक्त देश का पहला जिला है, बीजेपी (MP Politics) सोच रही है कि किसी दूर के कार्यकर्ता को या किसी दूर के किसी व्यक्ति को या फिर भाजपा के लोगों को ही कांग्रेस का बताकर बीजेपी में शामिल करने की एक्टिंग कर सकती है।
कमलनाथ यहां से लगातार चुनाव जीते हैं, नकुलनाथ फिर से चुनाव लड़ेंगे, कांग्रेस पार्टी चुनाव जीतेगी।
छिंदवाड़ा में कांग्रेस के लिए क्या सबकुछ ठीक है?
5 मार्च को छिंदवाड़ा के 7 कांग्रेस पार्षदों का बीजेपी में जाना बड़ी सियासी (MP Politics) घटना है। इसे नाथ परिवार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इसके बाद बुधवार को शपथ का कार्यक्रम हुआ।
जिसमें जिला समन्वयक आनंद बख्शी ने नकुलनाथ को सांसद बनाने की शपथ दिलाई। पार्षदों के कांग्रेस छोड़ना और उसके बाद शपथ दिलाना इस बात के संकेत हैं कि छिंदवाड़ा में कांग्रेस के लिए सबकुछ ठीक नहीं है।
बीजेपी कभी भी तारीख को तवारीख बना देगी
बीजेपी (MP Politics) के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल ने कहा कि छिंदवाड़ा से कई बार ऐसे मसले आते हैं कि मीडिया उन मसलों को लेकर तारीख पर तारीख देती है। लेकिन याद रखिए भारतीय जनता पार्टी किसी भी तारीख को तवारीख बना देगी।
छिंदवाड़ा में लोग कमलनाथ और कांग्रेस से खफा हैं। जो कांग्रेस से खफा हैं, वे भाजपा की रीति और नीति से प्रभावित होकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो रहे हैं।
बीजेपी की छिंदवाड़ा पर नजरें
कमलनाथ लोकसभा लड़ने से इनकार कर चुके हैं। ऐसे में सवाल ये है कि क्या छिंदवाड़ा कमलनाथ की तरह नकुलनाथ के लिए भी राजनीतिक (MP Politics) रूप से उपजाऊ साबित होगा।
मसला कुछ भी हो लेकिन 24 के चुनाव में नाथ का घर सियासत (MP Politics) का गढ़ जरूर बना हुआ है। कांग्रेस का चिंतित होना इसलिए लाजमी है क्योंकि बीजेपी मिशन 29 के लिए छिंदवाड़ा पर नजरे जमाए हुए है।