Jugal kishor mandir Panna MP : चारों धाम की यात्रा के बाद यहां दी जाती है हाजिरी, जानिए कौन सा है वो मंदिर

Jugal kishor mandir Panna MP : चारों धाम की यात्रा के बाद यहां दी जाती है हाजिरी, जानिए कौन सा है वो मंदिर

नीतेंद्र गुरुदेव, पन्ना। आपने ऐसे कई मंदिरों में Jugal kishor mandir Panna MP  बारे में सुना होगा जो अपनी किसी न किसी विशेषता को लेकर अपनी एक अलग पहचान बनाए हुए हैं। वैसे भी कृष्ण की लीलाएं ही अपने—आप में विशेषता लिए हुए हैं। आइए हम आपको एक ऐसे ही मंदिर से अवगत कराते हैं जिसके दर्शन अगर आपने नहीं किए तो आपकी चारों धाम की यात्रा विफल मानी जाएगी।
जी हां हम बात कर रहे हैं पन्ना स्थित जुगल किशोर मंदिर की। बुंदेलखंड में इस मंदिर को कृष्ण भक्तों का वृंदावन भी कहा जाता है। यहां की एक विशेषता यह भी है कि श्रीकृष्ण हीरों से जड़ित मुरली बजाते हैं। यह मंदिर करीब 300 वर्ष पुराना है।

गाया जाता है भजन
पन्ना का जुगल किशोर मंदिर संपूर्ण देश में अनूठा है। यहां राधा कृष्ण की जोड़ी के अनुपम दर्शन होते हैं। कहा जाता है कि श्रीकृष्ण की मुरली में बेशकीमती हीरे जड़े गए थे। जिसको लेकर सैकड़ों साल से यह भजन गाया जाता रहा है... पन्ना के जुगल किशोर मुरलिया में हीरा जड़े...।

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पन्ना नरेश ने कराया था मंदिर का निर्माण
मन्दिर का निर्माण 1813 में तत्कालीन पन्ना नरेश हिन्दूपत द्वारा कराया गया था। कहा जाता है कि राधा कृष्ण की यह जोड़ी ओरछा से यहां आई थी। समूचे बुंदलेखंड में यह मंदिर कृष्ण भक्तों की आस्था का केंद्र है। इसे बुंदेलखंड के वृंदावन की संज्ञा दी जाती है। यहां जन्माष्टमी पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते थे। लेकिन इस बार कोरोना काल के चलते कुछ ही लोगो की मौजूदगी में जन्माष्ठमी का त्यौहार मनाया जाएगा।

चारों धाम की यात्रा के बाद यहां दी जाती है हाजिरी
समुचे बुन्देलखण्ड के वासियों के लिए भगवान जुगल किशोर का पवित्र मंदिर आस्था का केन्द्र है। प्रत्येक अमावस्या के दिन समूचे बुन्देलखण्ड से श्रद्धालु भगवान के दर्शन करने आते है। ऐसी मान्यता है कि अमावस्या के दिन यहां जुगल किशोर सरकार से मांगने पर हर मनोकामना पूरी होती है। यह भी जन मान्यता है कि चारों धाम की यात्रा की हो या किसी भी तीर्थ स्थल की यात्रा। लौटकर यहां हाजिरी न दी तो सब निष्फल होता है। पन्ना में जुगल किशोर भगवान कई प्रत्यक्षदर्शी घटनाएं प्रचलित है।

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