हाइलाइट्स
- अजीत अंजुम पर रिपोर्टिंग को लेकर FIR दर्ज
- बिहार चुनाव 2025 में प्रेस की स्वतंत्रता पर सवाल
- PCI ने FIR को लोकतंत्र के लिए बताया खतरा
Ajit Anjum Bihar Election 2025 News: बिहार चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच प्रेस की आजादी को लेकर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम पर बिहार के बेगूसराय जिले में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान (Special Intensive Revision) की रिपोर्टिंग को लेकर FIR दर्ज की गई है। अजीत अंजुम ने इस प्रक्रिया को अपने यूट्यूब चैनल पर कवर किया था, जिसमें उन्होंने चुनावी कार्यप्रणाली की हकीकत जनता के सामने रखी।
क्या है पूरा मामला?
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Vidhan Sabha Elections 2025) को लेकर चुनाव आयोग (ECI) ने मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (Special Intensive Revision – SIR) चलाया है। अजीत अंजुम ने इसी प्रक्रिया को बेगूसराय जिले से कवर किया और संबंधित वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर प्रसारित किया।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (PCI) और इंडियन वूमेन्स प्रेस कॉर्प्स (IWPC) के अनुसार, अजीत अंजुम की रिपोर्टिंग तथ्यात्मक थी और उन्होंने कोई गलत सूचना नहीं फैलाई। “तथ्यों की रिपोर्टिंग हर पत्रकार का पहला कर्तव्य है, न कि यह किसी तरह की अफवाह फैलाने की श्रेणी में आता है,” इन संगठनों ने संयुक्त रूप से कहा।
FIR क्यों और किस आधार पर?
एफआईआर में अजीत अंजुम पर यह आरोप लगाया गया है कि उन्होंने मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया की गलत छवि पेश की, जबकि पत्रकार का दावा है कि उन्होंने केवल ग्राउंड रिपोर्टिंग की और अधिकारियों की कार्यप्रणाली को कैमरे पर कैद किया।
प्रेस संस्थाओं का कहना है कि प्रशासन को स्पष्टीकरण देना चाहिए था, लेकिन इसके बजाय कानूनी कार्रवाई का सहारा लेकर FIR दर्ज कर दी गई, जो कि लोकतंत्र में प्रेस की स्वतंत्रता पर सीधा प्रहार है।
PCI और IWPC की प्रतिक्रिया
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और इंडियन वूमेन्स प्रेस कॉर्प्स ने इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए कहा: “पत्रकार अजीत अंजुम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता को कमजोर करने का प्रयास है। यह बेहद चिंताजनक प्रवृत्ति है।”
इन संगठनों ने प्रशासन से आग्रह किया है कि अजीत अंजुम के पत्रकार और नागरिक के अधिकारों की रक्षा की जाए और इस तरह की कार्यवाहियों से बचा जाए, जो स्वतंत्र पत्रकारिता को हतोत्साहित करती हैं।