उत्तराखंड। Joshimath Subsidence उत्तराखंड के जोशीमठ की आपदा जहां पर थमने का नाम नहीं ले रही है वहीं पर दरारों वाले घरों और होटलों से लोगों का पलायन जारी है तो वहीं पर प्रशासन द्वारा होटलों और घरों को गिराने के लिए नींव के तौर पर टीमें काम कर रही है।
आपदा प्रबंधन ने दी जानकारी
उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव ने कहा कि, आपदा राहत कार्यों के लिए एसडीआरएफ की आठ टीमें जोशीमठ में तैनात हैं। बिजली के तारों और खंभों की सुरक्षा के लिए 2.14 करोड़ रुपये जारी किए गए। एनडीआरएफ की दो टीमें तैनात हैं, एक टीम रास्ते में है, 169 परिवारों के 589 लोगों को स्थानांतरित किया गया है। अब तक 73 परिवारों को सामान्य खर्च के लिए 5000 रुपये प्रति परिवार की सहायता राशि दी गई है। SDRF प्रावधानों के अनुसार 10 परिवारों को 1,30,000 रुपये प्रति परिवार प्रदान किए गए।
किराए के घरों में रहने के लिए मजबूर
आपको बताते चलें कि, जोशीमठ भू-धंसाव के चलते स्थानीय लोग अपना घर खाली कर रहे हैं। एक स्थानीय ने बताया, “हम अपने घर से सामान निकाल रहे हैं। प्रशासन ने हमें कोई जगह नहीं बताई जहां हम अपना सामान रख सकें। हम अपनी ज़िम्मेदारी पर किराए के कमरों में सामान रख रहे हैं जिससे वह सुरक्षित रह सके।” बता दें कि, जोशीमठ में प्रशासन द्वारा मलारी इन होटल को ध्वस्त किया जाएगा। उपर्युक्त भूमि धंसने के कारण आस-पास की इमारतों और संरचनाओं में दरारें पड़ गई हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ में सेना, आईटीबीपी, वैज्ञानिकों और अन्य हितधारकों के साथ बैठक की।
रक्षा मंत्री का बयान
आपको बताते चलें कि, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि, उत्तराखंड की सरकार जोशीमठ पर समाधान निकालने का प्रयास कर रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसको देख रहे हैं। केंद्र सरकार भी पूरा सहयोग कर रही है। मैंने रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट को वहां भेजा था, आगे जरूरत पड़ी तो वहां जाएंगे।