Joshimath Sinking Update: उत्तराखंड का जोशीमठ इन दिनों जहां पर चर्चा में बना हुआ है वहीं पर आज प्रशासन द्वारा 2 लग्जरी होटल होटल मलारी इन और होटल माउंट व्यू गिराए जा सकते है जिसके चलते आसपास की रोड को बंद किया गया है। इधर होटल मालिक का दर्द अपने होटलों को लेकर झलक रहा है जिसमें एक होटल मालिक ने रोते हुए मांग की है।
जीवन भर की पूंजी से खड़ा किया होटल
यहां पर होटल संचालक लालमणि सेमवाल ने कहा कि, जब जोशीमठ से लोग पलायन कर रहे थे। सुख-सुविधाएं नहीं थीं, तब यहां जीवन भर की पूंजी से ये होटल खड़ा किया। आज वक्त की गाज गिर रही है। सरकार मुझे मरने के लिए छोड़ रही है। मलारी होटल में दरारें आने के बाद होटल के मालिक व उनके परिजन मुआवजे की मांग को लेकर होटल के बाहर बैठे हैं। आगे कहा कि, “मैं अपने लिए यहां नहीं बैठा हूं, मेरा बेटा फ्रांस में रहता है…मैं तो वहां चला जाऊं लेकिन मैं यहां के लोगों के लिए बैठा हूं।”
जोशीमठ (उत्तराखंड): मलारी होटल में दरारें आने के बाद होटल के मालिक व उनके परिजन मुआवजे की मांग को लेकर होटल के बाहर बैठे हैं।
होटल के मालिक ने बताया, “मैं अपने लिए यहां नहीं बैठा हूं, मेरा बेटा फ्रांस में रहता है…मैं तो वहां चला जाऊं लेकिन मैं यहां के लोगों के लिए बैठा हूं।” pic.twitter.com/pCFeDqf6vR
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 11, 2023
धीरे-धीरे हर साल धंस रहा इलाका
यहां पर बताते चलें कि, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग के दो साल की एक स्टडी के मुताबिक एक स्टडी में सामने आया कि जोशीमठ और इसके आसपास के क्षेत्र में हर साल 2.5 इंच की दर से जमीन धंस रही थी। देहरादून स्थित संस्थान द्वारा सैटेलाइट डेटा का उपयोग करते हुए यह अध्ययन किया गया है। जुलाई 2020 से मार्च 2022 तक जुटाई गई सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि पूरा क्षेत्र धीरे-धीरे धंस रहा है। डेटा से पता चलता है कि धंसने वाला क्षेत्र पूरी घाटी में फैला हुआ है और जोशीमठ तक ही सीमित नहीं हैं।
अब तक की रिपोर्ट
अब तक की रिपोर्ट की मानें तो, लाल निशान वाले घरों को गिराया जाएगा। 131 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। बता दें कि, 723 मकानों में दरार निकली है जिसमेंं 1425 लोग शिविर में है।
चमोली के डीएम ने कहा
यहां पर उत्तराखंड के चमोली के डीएम हिमांशु खुराना ने जानकारी देते हुए बताया कि, हमारे सर्वे के बाद 723 संरचना में दरारें परिलक्षित हुई हैं और हम लगातार जनप्रतिनिधियों के टाच में हैं ताकि अगर और कही दरारें हो तो वो हमें बताए। 131 परिवार को हमने रिलीफ सेंटर में शिफ्ट कर दिया है। पिछले कुछ दिनों में कर्णप्रयाग में भी दरारें परिलक्षित हुई हैं तो उस जगह को बचाने के लिए IIT रुड़की इस पर अध्ययन कर रहे हैं। इनके अध्ययन के हिसाब से हम आगे की कार्रवाई करेंगे।
हमारे सर्वे के बाद 723 संरचना में दरारें परिलक्षित हुई हैं और हम लगातार जनप्रतिनिधियों के टाच में हैं ताकि अगर और कही दरारें हो तो वो हमें बताए। 131 परिवार को हमने रिलीफ सेंटर में शिफ्ट कर दिया है: हिमांशु खुराना, डीएम चमोली, उत्तराखंड
#JoshimathSubsidence pic.twitter.com/J6lO8IVSqV— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 11, 2023
सिर्फ 5200 रूपए की मिली मदद
यहां पर उत्तराखंड के कर्णप्रयाग में बहुगुणा नगर के कई घरों में दरारें दिखाई दीं। स्थानीय एक व्यक्ति ने बताया, “2 साल पुराना हमारा घर है और एक साल से इसमें दरारें आने शुरू हुई हैं इसके लिए हमने प्रशासन से भी बात की तो उन्होंने इसके लिए सिर्फ 5,200 रुपए दिए हैं।”
मुख्यमंत्री के सचिव आरएम सुंदरम का बयान
यहां पर मुख्यमंत्री के सचिव आरएम सुंदरम, जोशीमठ, उत्तराखंड ने कहा कि, हम पानी रिसाव की मात्रा को लगातार माप रहे हैं और ये रोज घट रहा है..रविवार को ये 570 LPM था और कल ये घटकर 250 LPM हो गया। 7 तारीख के बाद नई कोई दरारें विकसित नहीं हुई हैं। ये अच्छी बात है।