Jharkhand Chunav 2024 Result: झारखंड में भ्रष्टाचार के कथित आरोपों में जेल जा चुके जेएमएम नेता व राज्य के सीएम हेमंत सोरेन ने चुनाव में जीत का जोरदार परचम लहरा दिया। जेएमएम, कांग्रेस, आरेजडी व सीपीएमएल जैसे दलों ने साथ मिलकर अपनी जीत को पिछले असेंबली चुनावों से आगे ले गए।
इन चुनावों में जहां एक ओर हेमंत का जलवा बरकरार दिखा और जमीन पर आदिवासी अस्मिता, मइया सम्मान व हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन फैक्टर काम करता दिखा। वहीं बीजेपी का घुसपैठ, जनसांख्यिकी में बदलाव व हिंदु-मुस्लिम का मुद्दा काम नहीं आया।
झारखंड में यह पहली बार हुआ जब कोई सरकार सत्ताविराेधी माहौल के बावजूद प्रचंड बहुमत से सत्ता में वापसी कर रही है।
किसे कितनी सीट मिली?
झारखंड में (Jharkhand Chunav 2024 Result) जहां झामुमो को 34 सीट मिली वहीं राजद को 4 और कांग्रेस को 16 सीटें मिली। इसके अलावा विपरक्ष में बीजेपी को 21, आजसू और जेडीयू को 1-1 सीट मिली। अगर वोटों के प्रतिशत की बात करें तो इंडिया को 46.4%, जिसमें सिर्फ झामुमो को 23.4% वोट मिले। इसके अलावा बीजेपी को सबसे ज्यादा 33.1% और इससे गठबंधन को मिलाकर एनडीए को 39.5% वोट मिल।
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झामुमो की जीत के फैक्टर
- झारखंड के चुनाव में सीएम हेमंत सोरेन व उनकी पत्नी कल्पना सोरेन एक बड़े फैक्टर के तौर पर उतरे, जहां आदिवासियों में हेमंत सोरेन का जेल जाना मुद्दा बड़ा बनता दिखाई दिया।
- बीजेपी ने कोलहान के टाइगर कहे जाने वाले संथाल नेता चंपई सोरेन व सीता सोरेन को अपने खेमे में लाकर आदिवासियों को एक संदेश देने की कोशिश की थी, लेेकिन बीजेपी की रघुबर दास सरकार के समय में आदिवासियों से जुड़े कानून को लेकर आदिवासी तबके में मौजूद डर व आशंका ने उन्हें बीजेपी पर भरोसा करने से कहीं न कहीं रोका।
- जमीन पर हेमंत सोरेन सरकार की कल्याणकारी योजनाएं भी काम करती दिखीं। इंडिया गठबंधन की कामयाबी की कहानी में मइया सम्मान का बड़ा योगदान है।
- झारखंड में बीजेपी ने जो भी कोशिश की, उसका ज्यादातर वार खाली गया। फिर चाहे चंपई सोरेन व सीता सोरेन जैसे नेताओं को अपने साथ लाना, लोगों ने उन्हें ज्यादा स्वीकार नहीं किया।
- इस चुनाव में जिस तरह से कांग्रेस में आपसी रार व गुटबाजी दिख रही थी, चुनाव से ऐन पहले प्रदेशाध्यक्ष का बदलाव होना जैसे कई विपरीत हालातों के बावजूद जेएमएम व इंडिया गठबंधन के पक्ष में बने माहौल ने कांग्रेस को अपना पिछला प्रदर्शन बनाए रखने में मदद की।
- बीजेपी की करारी हार के पीछे एक बड़ी वजह उसकी सहयोगी आजसू का खराब प्रदर्शन भी रहा। आजसू के इस निराशाजनक प्रदर्शन की एक बड़ी वजह बना 30 साल का युवा चेहरा -जयराम महतो, जिसने आजसू का काेर वोट बैंक महतो वोट बैंक में ऐसी सेंधमारी की कि आजसू के चीफ सुदेश महतो खुद सिल्ली से अपनी सीट हार गए।
- भले ही अपने राज्य बिहार में आरजेडी खास प्रदर्शन न कर पाई हो, लेकिन झारखंड के इन नतीजों में एक अहम किरदार उसका भी रहा, जहां उसने राज्य की लड़ने वाली छह सीटों में से चार सीटों पर अपनी जीत दर्ज की।