नई दिल्ली। जापान के विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी ने शुक्रवार को कहा कि भारत एक खुला एवं स्वतंत्र हिंद प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए अपरिहार्य भागीदार है और तोक्यो इस क्षेत्र में नयी दिल्ली के साथ सहयोग को और बढ़ाने का इच्छुक है। यहां भारत-जापान
फोरम को संबोधित करते हुए हयाशी ने कहा कि जी7 नेता मई में हिरोशिमा में हुए शिखर सम्मेलन में इस बात पर सहमत हुए थे कि कहीं भी बलपूर्वक यथास्थिति बदलने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि जापान भारत की जी-20 की अध्यक्षता, खासकर अंतर-सरकारी मंच के आगामी शिखर सम्मेलन को सफल बनाने के लिए उसके साथ मिलकर काम करने को लेकर बेहद उत्सुक है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून को कायम रखने का आह्वान तब तक
सिर्फ एक नारे की तरह लग सकता है, जब तक कि ‘ग्लोबल साउथ’ (दक्षिण एशिया के विकासशील देश) के सामने पेश आने वाली चुनौतियों से प्रभावी ढंग से नहीं निपटा जाता। वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने संबोधन में जापान को भारत का स्वाभाविक साझेदार
करार दिया। हयाशी भारत के दो दिवसीय दौरे पर बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली पहुंचे थे।
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