जानना जरूरी है: वैक्सीन की दूसरी खुराक कितनी महत्वपूर्ण है? जानिए इस पर क्या कहते हैं विशेषज्ञ

नई दिल्ली। देश में एक बार फिर से संक्रमण के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। इसके साथ ही विशेषज्ञों ने तीसरी लहर को लेकर भी चेताया है। केरल के तो हालत ऐसे ही कि वहां अभी से ही स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराने लगी है। वहीं डॉक्टर इससे बचाव के लिए वैक्सीन लगाने पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। देश में लोगों को वैक्सीन के दो डोज लगने हैं, लेकिन कई लोग समय से दूसरी डोज नहीं लगवा रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर कोई व्यक्ति वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं लगवाता है तो क्या होगा?
रजिस्ट्रेशन के बाद भी लोग नहीं पहुंच रहे
मालूम हो कि देश में वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या कभी कम तो कभी ज्यादा होती दिख रही है। इसका साफ मतलब है कि लोग या तो दोबारा वैक्सीन लगवाने में कतरा रहे हैं, या लापरवाही बरत रहे हैं। यह भी हो सकता है कि वैक्सीन की कमी के कारण लोग दोबारा टीका नहीं लगवा पा रहे हो। लेकिन, ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद भी लोग दोबारा वैक्सीन लगवाने के लिए सेंटर पर नहीं पहुंच रहे हैं।
वैक्सीन लेने के बाद लोगों में दिखते हैं साइड इफेक्ट्स
दरअसल, वैक्सीन की पहली डोज के बाद लोगों में कई तरह के साइड इफेक्ट देखे गए हैं।जिसमें बुखार, कमजोरी जैसे लक्षण सामने आ रहे हैं। ऐसे में लोग डर के कारण दूसरी डोज लगाने के लिए सेंटर पर नहीं पहुंच रहे हैं। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि दूसरे डोज के बाद ही शरीर कोविड-19 से लड़ने के लिए अच्छे से तैयार हो पाएगा।अगर आपने दूसरी डोज के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है तो बिना झिझक सेंटर जाकर वैक्सीन लगवाएं।
अगर नहीं लगाया दूसरा डोज तो क्या होगा?
भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अगर आप नियत समय पर डोज नहीं लेते हैं तो वैक्सीन का वैसा असर नहीं होगा जैसा कि होना चाहिए। वैक्सीन के कारगर तरीके से काम करने के लिए यह भी जरूरी है कि दोनों डोज के बीच समय का सही फासला हो जैसा कि निर्धारित किया गया है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति दूसरा डोज समय पर नहीं लगवा पाता है तो समस्या हो सकती है।
वैक्सीन का दो डोज ही क्यों?
गौरतलब है कि वैक्सीन हमारे शरीर में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी तैयार करता है जो एक समयबद्ध प्रक्रिया है। इसी वजह से इसके दो डोज बनाए गए हैं। दूसरे डोज से ही व्यक्ति के शरीर में प्रतिरोधी क्षमता के साथ सही तरह से कोविड-19 सुरक्षा तंत्र विकसित होने में जरूरी मदद मिलती है। पहला डोज केवल 60 प्रतिशत तक ही कारगर होता है। लेकिन जब आप दूसरा डोज लेते हैं तो यह लंबा और एंटीबॉडी को अधिक प्रभावी बनाता है। अगर आपने दूसरा डोज नहीं लगवाया तो 60 प्रतिशत कारगरता भी समय के साथ कम हो सकती है। इसलिए दूसरा डोज लेना जरूरी है।