गुजरात। Morbi Bridge Incident: जहां गुजरात के मोरबी में हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है वहीं पर मोरबी शहर की चर्चा अब तेज हो गई है। सवाल सामने आते है कि, आखिर मोरबी में माच्छू नदी पर बने हुए इस पुल पर ही इतने हादसे क्यों होते है। हाल ही में हुए हादसे से पहले भी एक बार हुए हादसे ने कई लोगों की जान ले ली थी। माना जाता है कि, मोरबी पर कई लोककथाएं है जो इसे शापित शहर बनाती है।
लोकगीतों में सुनाई देती है श्राप की कहानी
आपको बताते चलें कि, मोरबी में होने वाली भारी तबाही की भविष्यवाणी लोक कथाओं और लोकगीतों में होती रही है यहां पर गुजरात के जडेजा राजाओं की तमाम लोककथाओं और लोकगीतों में मोरबी के हादसों के पीछे के एक श्राप की कहानी मिलती है । जिसे इन हादसों से जोड़कर देखा जाता है। कहा जाता है कि, कहानी के अनुसार मोरबी के राजा जीयाजी जडेजा एक औरत की ओर आकर्षित हो गए थे और उस औरत को ये अच्छा नहीं लगता था. लेकिन, राजा नहीं माने और लगातार औरत को परेशान करते रहे. राजा से परेशान होकर औरत माच्छू नदी में कूद गई और जान दे दी थी। उसने डूबने से पहले कहा था: सात पीढ़ियां जायेंगी फिर ना तुम्हारा वंश रहेगा, ना तुम्हारा शहर. ये भी कहा जाता है कि इस कहानी को लेकर कई लोकगीत भी बने हैं. अब कहा जाता है कि इस श्राप के बाद से राजा का वंश भी खत्म हो गया।
क्या कहते है लोग
यहां पर बताते चलें तो, रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर दिनेशभाई गढ़वी ने बताया, ‘ऐसा कोई लिखित प्रमाण नहीं है, लेकिन यहां के लोग कहते हैं कि किसी श्राप के वजह से यहां आपदाएं आती हैं.’यहां पर उस कहानी को लेकर ही कहा जाता है कि, महिला के श्राप से ही हादसे हो रहे है। ऐसी ही एक कहानी से जुड़ी एक फिल्म भी बनी है, जिसका नाम माछु तारा वेहता पानी है. इस फिल्म में भी इस नदी की कहानी बताई गई है।
बाढ़ ने मचाई थी एक बार तबाही
आपको बताते चलें कि, हादसे से पहले साल 1979 में यहां काफी भयानक बाढ़ आई थी. बारिश होने के कारण मच्छु बांध टूट गया था. इसके बाद मच्छू नदी के पानी ने पूरे शहर को अपने आगोश में ले लिया. इससे मकान गिर गए तो कहीं लोग पानी में डूबकर मर गए. उस हादसे में 1439 लोगों की मौत हुई थी। वही बड़े तौर पर यहां पर तबाही का मंजर पसर गया था।