Janmashtami 2023: इस बार अधिकमास की वजह से हर व्रत त्योहार की तिथियां आगे पीछे हो रही हैं। ऐसे में यदि आप भी जन्माष्टमी की तिथि को लेकर कंफ्यूज हैं तो आपको बता दें इस बार जन्माष्टमी का त्योहार दो दिन मनाया जाएगा। ऐसे में किसे ये त्योहार 6 सितंबर को मनाना है और किसे 7 सितंबर को चलिए जानते हैं क्या कहते हैं पंडित।
6 सितंबर को ये लोग मनाएंगे जन्माष्टमी
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार जो स्मार्थ संप्रदाय के लोग हैं वे जन्माष्टमी का त्योहार 6 सितंबर को जन्माष्टमी का त्योहार और व्रत रखेंगे। वो इसलिए क्योंकि स्मार्थ संप्रदाय के लोग गृहस्थ जीवन के माने जाते हैं।
चूंकि अष्टमी तिथि 6 सितंबर को दिन के 3:45 से प्रारंभ हो रही है। जो अगले दिन 4:20 दोपहर तक रहेगी। गृहस्थ जीवन वाले रात में 12 बजे मनाते हैं इसलिए ये लोग 6 सितंबर को जन्माष्टमी मनाएंगे।
7 सितंबर को ये लोग मनाएंगे जन्माष्टमी
वैष्णव संप्रदाय के लोगों में उन लोगों को गिना जाता है जो गुरू दीक्षा लेते हैं। यानि इसमें मंदिरों की तिथि के अनुसार जन्माष्टमी मनाई जाती है। ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार मंदिरों में जन्माष्टमी का त्योहार (Janmashtami 2023) 7 सितंबर को या अपने अनुसार मनाया जा सकता है।
दोनों ही दिन सही है जन्माष्टमी
ज्योतिषाचार्य के अनुसार 6 और 7 सितंबर दोनों ही दिन जन्माष्टमी (Janmashtami 2023) का त्योहार सही है। इसलिए लोग अपनी सुविधा के अनुसार इसे मना सकते हैं। लेकिन शास्त्र संवत बात की जाए तो 6 सितंबर को स्मार्थ संप्रदाय के और 7 सितंबर को वैष्णव संप्रदाय के लोग जन्माष्टमी का व्रत रखेंगे।
जन्माष्टमी तिथि
जन्माष्टमी तिथि प्रारंभ: 6 सितंबर को शाम 4:15 से
जन्माष्टमी तिथि समाप्ति: 7 सितंबर को सुबह 10:28 तक
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