रिपोर्टर – राजेश्वर तिवारी बंसल, जांजगीर चांपा..
Janjgir-Champa News: बिलासपुर संभाग के जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा विकासखंड में स्व सहायता समूह की महिलाएं आर्गेनिक सब्जियों की खेती कर आत्मनिर्भर बन रही हैं। जैविक खाद का उपयोग कर ये महिलाएं टमाटर, धनिया, मिर्ची, भाटा, पालक भाजी, और लाल भाजी जैसी कई प्रकार की सब्जियों का उत्पादन कर रही हैं।
समूह की महिला निर्मला सर्वेश ने बताया कि कलेक्टर और जनपद के अधिकारियों के सहयोग और मार्गदर्शन से वे जैविक खाद का उपयोग कर आर्गेनिक सब्जियां उगा रही हैं। निर्मला ने कहा, ‘हम लाल भाजी, पालक भाजी, धनिया, मिर्ची, टमाटर, मूली, भाटा और मेथी का उत्पादन कर रही हैं। हमारी भाजी तैयार हो चुकी है और इसे अच्छे दामों पर बाजार में बेच रही हैं।’
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) January 19, 2025
गोबर से हो रही सब्जी की खेती
इसी स्व सहायता समूह की सदस्य शारदा देवी खूंटे ने बताया कि वह गोबर खाद से सब्जी की खेती कर रही हैं। इससे सब्जियों का उत्पादन बेहतर हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमें सब्जी बेचने कहीं और नहीं जाना पड़ता। अकलतरा के लोग जैविक खाद से उगी सब्जियों को बहुत पसंद कर रहे हैं और खरीदने खुद हमारे पास आ रहे हैं। अधिकारी और कर्मचारी भी हमारी हरित सब्जियों की सराहना कर रहे हैं।’
सरकारी सहयोग और प्रयास
अकलतरा जनपद पंचायत के सीईओ हिमांशु गुप्ता ने बताया कि जनपद कार्यालय के पीछे बंजर जमीन पड़ी थी। इस जमीन पर कृषि विभाग के सहयोग से गोबर खाद से जैविक खेती की गई। गुप्ता ने कहा, “इस जमीन की मिट्टी काफी उपजाऊ है। हमने इसे जैविक खेती के लिए उपयोग में लाने का फैसला किया ताकि अन्य किसानों को भी प्रोत्साहित किया जा सके।”
महिलाओं की मेहनत और सरकार के सहयोग से यह पहल सफल हो रही है। जैविक खेती से न केवल अच्छी गुणवत्ता वाली सब्जियां उगाई जा रही हैं, बल्कि इसे बाजार में उच्च दामों पर बेचा जा रहा है। इससे महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है और वे आत्मनिर्भर बन रही हैं।
प्रदर्शनी से किसानों को प्रेरणा
इस प्रयास (Janjgir-Champa News) से अन्य किसानों को भी जैविक खेती के प्रति प्रेरित किया जा रहा है। प्रदर्शनी के माध्यम से किसानों को जैविक खेती की तकनीकों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। अकलतरा नगर के लोग भी इन जैविक सब्जियों को पसंद कर रहे हैं, जिससे स्थानीय स्तर पर जैविक खेती की मांग बढ़ रही है।
स्व सहायता समूह की महिलाएं अपनी मेहनत से सफलता की नई कहानियां लिख रही हैं। जैविक सब्जियों की खेती से उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है और वे आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं।
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