डिंडौरी से लक्ष्मी नारायण कांसकार की रिपोर्ट।
Janaki Bai Story: कहते हैं जहां चाह है, वहीं राह है। यह बात सिद्ध हो रही है मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले की जानकी पर। जहां भीख मांगकर अपना जीवनयापन करने को मजबूर रहने वाली जानकी ने अब चाय-नाश्ते की दुकान खोल ली है। अब वह भीख मांगकर नहीं खुद की कमाई से अपने जीवन की गाड़ी चलाएगी।
ऐसे सामने आई जानकी बाई की कहानी
दरअसल, लाड़ली बहना योजना के फॉर्म भरे जाने के दौरान जानकी बाई की कहानी सामने आई थी, जिसके बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मदद से जिला प्रशासन ने उनकी आर्थिक मदद की। रेड क्रॉस समिति ने उन्हें 50 हजार रुपए का चेक दिलाया। साथ ही जानकी का प्रधानमंत्री आवास भी स्वीकृत कराया गया।
डिंडौरी के देवरा में बदली महिला की तकदीर
बता दें कि डिंडौरी के देवरा में एक महिला की तकदीर बदल गई। और ये मुमकिन हुआ है सीएम शिवराज की कोशिश से। कल तक जो महिला भीख मांगकर अपनी गुज़र-बसर करती थी सीएम शिवराज की कोशिश से आज उसकी जिंदगी में बड़ा बदलाव आ गया है।
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लाड़ली बहना योजना का लाभ दिया
सीएम ने भीख मांगने वाली महिला जानकी बाई को न सिर्फ लाडली बहना योजना का लाभ दिया, बल्कि दुकान के लिए 50 हजार रुपए की आर्थिक मदद भी दिलाई, जिसके चलते आज जानकी बाई चाय-नाश्ता की अपनी दुकान खोल पाई है, जिसका नाम जानकी ने ‘मेरी नई पहचान लाडली बहना दुकान’ रखा है।
फग्गन सिंह कुलस्ते ने काटा फीता
केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने रविवार को इस दुकान का फीता काटा और जानकी बाई के हाथ से बने समोसे का स्वाद भी चखा। सीएम शिवराज से मिली इस मदद से जानकी बाई बेहद खुश हैं। मीडिया के ज़रिए उन्होंने इसके लिए सीएम शिवराज को धन्यवाद दिया है।
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