JAMMU & KASHMIR: कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद(Ghulam Nabi Azad) ने जम्मू और कश्मीर से हटाए गए आर्टिकल 370 को लेकर बड़ा बयान दिया है। बता दें कि जब से जम्मू और कश्मीर से आर्टिकल 370 का खात्मा किया गया है तब से लेकर अब तक सभी विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार के फैसले का विरोध करती आ रही है। पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने बारामूला में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आर्टिकल 370 को ना तो मैं वापस दिला सकता हूं और ना ही कांग्रेस, शरद पवार, ममता बनर्जी।
सताधारी पार्टी को लिया निशाने पर
बता दें कि कांग्रेस पार्टी से अलग होंने के बाद से ये अटकलें लगाई जा रही थी कि वे बीजेपी में शामिल हो सकते है। इन सब अटकलों पर विराम लगाते हुए आजाद ने बारामूला की एक रैली में कहा- ‘पिछले 3 साल में जम्मू-कश्मीर में कई विनाशकारी घटनाएं हुई हैं। भारतीय इतिहास की तरह जम्मू कश्मीर को भी आक्रमणकारियों ने तबाह कर दिया है। लेकिन अब हम कश्मीर को तबाह नहीं होने देंगे।’इसी के साथ आजाद ने एलान कर दिया कि वो 10 दिन के अंदर नई पार्टी का ऐलान कर देंगे और पार्टी का नाम जम्मू-कश्मीर के लोगों के सुझाव पर ही रखेंगे।
Today's Public meeting at Baramulla,SRINAGAR, J&K. pic.twitter.com/eBtJkUwBGs
— Ghulam Nabi Azad (@ghulamnazad) September 11, 2022
वहीं कांग्रेस के उस बयान पर भी पलटवार किया, जिसमें आरोप लगाए गए थे कि उनका रिमोट केंद्र में बैठे मोदी के पास है। उन्होंने कांग्रेस को जवाब देते हुए कहा, ‘मैं उन लोगों की तरह नहीं हूं, जिनका रिमोट कंट्रोल कहीं और होता है। मेरा रिमोट कंट्रोल मेरे पास है। मैं आजाद हूं, वो गुलाम हैं। मैं सिर्फ अपने नबी (पैगंबर) का गुलाम हूं। मैं बेनकाब नहीं करना चाहता कि कांग्रेस नेता किसके गुलाम हैं।’
DNA ऐसे नहीं बदल जाता
गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा,”अगर आप दूसरे राजनीतिक दलों के लोगों से मिलते हैं और उनसे बात करते हैं तो इससे आपका डीएनए नहीं बदल जाता है।” बता दें कि हाल ही में आजाद को केंद्र सरकार की सिफारिश पर पद्म भूषण से नवाजा गया था। यहां तक कि राज्यसभा में आजाद के विदाई भाषण के दौरान पीएम मोदी ने आजाद की खूब तारीफ की थी। इस घटना के बाद से राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा होंने लगी की क्या गुलाम नबी आजाद कांग्रेस ने नाराज चल रहे है। बात पर मुहर उस समय लगी जब उन्होंने कांग्रेस पार्टी से अपना इस्तिफा दे दिया।
प्रधानमंत्री मोदी के भाषण का हवाला देते हुए आजाद ने कहा, “यह पंरपरा है कि जब सदन के सदस्यों का कार्यकाल पूरा होता है तो सभी दलों के नेता इस मौके पर अपनी बात रखते हैं।” उनका यह भी कहना था कि समय के साथ भारत की मिलीजुली संस्कृति बदल गई है।