Jammu & Kashmir: हम जब भी कारोबार की बात करते है ये आमतौर पर भारत के सभी राज्यों के लिए कहते है सिवाय जम्मू और कश्मीर के । हम ऐसी इसलिए कहते है क्योंकि पिछले काफी समय से कश्मीर में आतंकवाद में एक बड़ी समस्या रही है। हालांकि अब इसमें सुधार देखने को मिला है और अब यहां लोग व्यापार करने आ रहे है। लेकिन क्या आपको याद है जम्मू और कश्मीर का वह इलाका जहां 2016 में 44 भारतीय जवान आतंकवादी घटना में शहीद हो गए थे। हम बात कर रहे है पुलवामा जिले की, जिसे भारत का पेंसिल जिले के नाम से जाना जाता है। आइए जानते है क्यों कहा जाता है पुलवामा को पेंसिल जिला।
दरअसल, जम्मू और कश्मीर के पुलवामा जिले के ओखू गांव में पूरे भारत के 70 प्रतिशत स्लेट का उत्पादन होता है। स्लेट, पेंसिल बनाने का एक मटेरियल होता है। इसी गांव के बने स्लेट पूरे भारत में पेंसिल बनाने वाली कंपनियों के पास जाता है। पुलवामा जिले में स्लेट के उत्पादन के लिए कई सारे उत्पादन प्लांट है। बता दें कि पहले भारत मे पेंसिल बनाने के लिए चीन और जर्मनी जैसे देशों से पेंसिल बनाने की लकड़ी मंगवानी पड़ती थी लेकिन अब जरूरतें पुलवामा जिले से पूरी हो जाती है।
कैसे पड़ा नाम
बता दें कि पुलवामा जिले के ओखू गांव को पेंसिल गांव का नाम प्रधानमंत्री मोदी ने दिया था। पुलवामा में बहुत सारे इंडस्ट्रयील सेंटर्स है जिस वजह से यहीं के यूथ को रोजगार मिला हुआ है।