Jabalpur water crisis: गर्मियों में शुरू, ताल-तलैया वाले शहर में जल संकट

जबलपुर। शहर में गर्मीयों के दिनों में पानी की कमी और परेशानियों को कई बार देखा गया है। 52 ताल-तलैया वाले इस शहर में जल संकट की बात बेमानी सी लगती है। लेकिन यही सच है कि हर गर्मियों में यहां पानी के लिए लोगों का बहुत परेशान होना पड़ता है। इस शहर की एक तिहाई आबादी के लिए गर्मियों में पानी का इंतजाम करना सबसे बड़ा काम है। नगर निगम की हर जनसुनवाई में शिकायतों में एक तिहाई शिकायतें पानी से जुड़ी होती हैं। और नगर निगम की जल सप्लाई क्षमता, सप्लाई क्षमता से ज्यादा होने के बाद भी शहर में हर कंठ तक पानी नहीं पहुंचा पा रहा है।
लीकेज रोकने के नाम पर करोड़ो का खर्च
जबलपुर जिले की वर्तमान आबादी 18 लाख के लगभग पहुंच चुकी है। हर व्यक्ति को 24 घंटे में 135 लीटर पानी की जरूरत पड़ती है। इस हिसाब से इतनी आबादी के लिए 243 एमएलडी पानी की सप्लाई पर्याप्त है, पर 311 एमएलडी क्षमता के बावजूद शहर के हर तीसरे व्यक्ति को जलसंकट का सामना करना पड़ रहा है। इसका एक बड़ा कारण है पानी की बर्बादी। हर दिन पानी लीकेज व सीपेज में फालतू ही बह जाता है। नगर निगम ने लीकेज रोकने के नाम पर करोड़ो रुपए खर्च कर डाले। पर हालात जैसे थे वैसे अभी भी बने हुए है।
गर्मियों में शुरु, पानी की किल्लत
गर्मी के साथ ही शहर में पानी की किल्लत व परेशानिया शुरू हो गई है। नगर निगम के रिकॉर्ड में 1.52 लाख के लगभग नल कनेक्शन है। हर साल पानी सप्लाई पर नगर निगम करोड़ो रुपए खर्च करता है। पर पानी की परेशानिया हर गर्मियों में शुरु हो ही जाती है। गर्मियों में पानी का प्रेशर इतना कम होता है कि बूंद-बूंद पानी जुटाने के लिए बहुत मशक्कत करनी पड़ती है पाइपलाइनों में पानी का प्रेसर इतना कम रहता है कि पानी भरने वालों की लाइन खत्म नहीं होती, लेकिन पानी की सप्लाई जरूर बंद हो जाती है।