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Central GST Raid: बोगस बिलिंग से सरकार को करोड़ों का चूना, सेंट्रल जीएसटी ने की छापामार कार्रवाई, मुख्य आरोपी गिरफ्तार

जबलपुर में सेंट्रल जीएसटी विभाग की बड़ी कार्रवाई ने करोड़ों के टैक्स घोटाले का पर्दाफाश कर दिया है। विभाग ने 12 फर्जी फर्मों पर एक साथ छापेमार कार्रवाई की, जिसमें करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है।

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Bansal news
Central GST Raid: बोगस बिलिंग से सरकार को करोड़ों का चूना, सेंट्रल जीएसटी ने की छापामार कार्रवाई, मुख्य आरोपी गिरफ्तार

हाइलाइट्स

  • जबलपुर में सेंट्रल जीएसटी विभाग की बड़ी कार्रवाई।
  • करोड़ों रुपए के इनपुट टैक्स क्रेडिट घोटाला उजागर।
  • 12 फर्जी फर्मों पर छापेमारी, मुख्य आरोपी गिरफ्तार।
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Jabalpur Central GST Raid: मध्यप्रदेश के जबलपुर में सेंट्रल जीएसटी विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई कर करोड़ों रुपए के इनपुट टैक्स क्रेडिट घोटाले का भंडाफोड़ किया है। खुफिया जानकारी और डेटा एनालिसिस के आधार पर 12 फर्जी फर्मों पर एकसाथ छापा मारा गया, जिसमें बोगस बिलिंग और फर्जी दस्तावेजों के जरिये टैक्स चोरी की पुष्टि हुई है। विभाग ने मामले में मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है और जांच जारी है।

सेंट्रल जीएसटी की छापामार कार्रवाई

मध्यप्रदेश के जबलपुर में टैक्स चोरी के एक सुनियोजित षड्यंत्र का भंडाफोड़ करते हुए सेंट्रल जीएसटी विभाग ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। विभाग ने शहर की 12 संदिग्ध फर्मों पर एक साथ छापेमारी की, जिसमें करोड़ों रुपए की जीएसटी चोरी का खुलासा हुआ। इस कार्रवाई का नेतृत्व संभागीय आयुक्त लोकेश कुमार लिल्हारे ने किया। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि ये फर्में केवल कागजों पर ही सक्रिय थीं और बोगस बिलिंग के जरिए सरकार को भारी वित्तीय नुकसान पहुंचा रही थीं।

सरकार को लगाया करोड़ों का चूना

जांच में सामने आया है कि कन्हैयालाल अग्रवाल, जे इंफ्राटेक और यंस कंस्ट्रक्शन समेत कई फर्जी कंपनियों ने बिना किसी वास्तविक माल की आवाजाही के फर्जी ट्रांसपोर्टेशन और बिलिंग का जाल बुनकर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का गलत फायदा उठाया। इन कंपनियों ने बोगस चालान और नकली दस्तावेजों के जरिए बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी को अंजाम दिया और सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाया।

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रैकेट का मास्टरमाइंड गिरफ्तार

सरकार द्वारा प्रदान किए जाने वाले इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दुरुपयोग करते हुए फर्जी फर्मों ने बड़े पैमाने पर जीएसटी धोखाधड़ी को अंजाम दिया। इन फर्मों ने जीएसटी भरने के नाम पर नकली लेन-देन और फर्जी चालानों के जरिए कर चोरी की सुनियोजित साजिश रची।

छापेमारी के दौरान कई डिजिटल दस्तावेज, फर्जी चालान और संदिग्ध वित्तीय लेन-देन से जुड़े महत्वपूर्ण सबूत अधिकारियों को हाथ लगे हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि इन गतिविधियों को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया था। इस रैकेट के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है, और उससे गहन पूछताछ जारी है, ताकि इस फर्जीवाड़े से जुड़े अन्य लोगों की भी पहचान की जा सके।

बोगस बिलिंग से सरकार को करोड़ों का चूना

GST धोखाधड़ी की जांच में कई फर्जी कंपनियों की परतें खुलती जा रही हैं। इस घोटाले में दिव्यांश सेल्स, एम.ए. ट्रेडर्स, श्रीराम इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मोटर वाइंडिंग, मां शारदा इंजीनियरिंग, आयू ए. जे. इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस, आनंद सेल्स, मारुति पावर टूल्स और ट्राएंड इंडिया टेक्नो प्राइवेट लिमिटेड जैसे नाम सामने आए हैं।

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इन फर्मों का कोई वास्तविक कारोबारी अस्तित्व नहीं था—ये केवल कागजों पर संचालित की जा रही थीं। इनके माध्यम से बोगस इनवॉइस तैयार कर फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) क्लेम किया गया, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान झेलना पड़ा।

वित्तीय अनियमितताओं के इस जाल को तोड़ने के लिए GST विभाग ने जांच और कार्रवाई को और अधिक व्यापक बनाने की योजना बनाई है। विभाग का उद्देश्य है कि ऐसे फर्जीवाड़े की जड़ तक पहुंचकर इसे पूरी तरह समाप्त किया जा सके, ताकि भविष्य में टैक्स सिस्टम की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनी रहे।

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