Jabalpur Private School Fees: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों को राहत देते हुए फीस रिफंड पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार और जबलुपर कलेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले पर अगली सुनवाई 25 अगस्त को होगी।
आपको बता दं कि जबलपुर के 5 स्कूल क्राइस्ट चर्च बॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल, प्रेस चर्च स्कूल घमापुर, क्राइस्ट चर्च स्कूल बॉयज एंड गर्ल्स, सेंट लिक स्कूल सदर, सेंट एलॉयसिस स्कूल पोलीपाथर ने 20 जुलाई को याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि जिला कमेटी द्वारा उनकी स्कूल फीस का निर्धारण किया गया है। साथ ही 2017-18 से फीस में की गई बढ़ोत्तरी की राशि रिफंड करने के आदेश भी जारी किए गए थे।
प्राइवेट स्कूलों को राहत: फीस रिफंड पर MP हाई कोर्ट ने लगाई रोक, जबलपुर में दिए थे इतने करोड़ फीस लौटाने के निर्देश#PrivateSchool #Schools #MPHighCourt #Jabalpur
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) August 14, 2024
याचिका 30 जुलाई को कर दी थी खारिज
बता दें कि मामले में इससे पहले भी 30 जुलाई को जस्टिस मनिंदर सिंह भट्टी की कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने डिवीजन बेंच में जाने का कहा और याचिका निरस्त कर दी। इसके बाद दूसरे दिन डिवीजन बेंच में रिट पिटीशन दायर की, जिसकी सुनवाई मंगलवार को हुई।
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में दिया ये तर्क
याचिकाकर्ता के वकील के मुताबिक, एमपी के प्राइवेट स्कूल फीस और संबंधित विषयों का विनियमन की धारा 5 के तहत प्राइवेट स्कूल 10% तक फीस बढ़ा सकते हैं।
फीस निर्धारित करने का अधकार जिला स्तरीय समिति को नहीं है। 10 प्रतिशत फीस बढ़ाने के लिए अनुमति की भी जरूरत नहीं होती है। लेकिन इसकी जानकारी पोर्टल पर अपलोड करना बहुत जरूरी है।
इसके साथ ही जिला स्तरीय समिति को भी जानकारी देना जरूरी है। जिला स्तरीय समिति 10 से 15 प्रतिशत तक की फीस वद्धि मामले में सही और गलत तय करेगी। अगर 15 प्रतिशत से ज्यादा फीस बढ़ाई जाती है, तो उसे तय करने का अधिकार राज्य स्तरीय समिति को होता है।
11 स्कूलों को दिए थे इतने करोड़ रुपए लौटाने के निर्देश
जबलपुर में किताबें, यूनिफॉर्म और अन्य स्कूल सामग्री के नाम पर पेरेंट्स से मनमानी फीस वसूलने वाले प्राइवेट स्कूलों को 81.30 करोड़ रुपए लौटाने के निर्देश दिए थे।
11 स्कूलो पर 22 लाख रुपए की पेनाल्टी भी लगाई थी। इसके साथ ही 51 लोगो पर FIR भी दर्ज की गई थी। इन प्राइवेट स्कूलों के चेयरमैन, प्राचार्य, CEO, मैनेजर, सदस्य और एडवाइजर समेत 20 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी।
सीएम के निर्देश के बाद करवाई थी जांच
दरअसल, नए शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद सीएम मोहन यादव ने 1 अप्रैल 2024 को प्राइवेट स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए निर्देश जारी किए थे।
इस पर जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने प्राइवेट स्कूलों द्वारा अप्रैल 2018 से अप्रैल 2024 तक पेरेंट्स से वसूली गई फीस की जांच कराई थी, जिसमें बस्तों के वजन की गाइडलाइन के मुताबिक नहीं पाए गए।
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