जबलपुर। बड़ेरिया मेट्रोप्राइम हॉस्पिटल के हार्ट सेंटर और डॉक्टर्स की टीम ने सफलता पूर्वक बेंटल सर्जरी कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। पूरे महाकौशल में ये सर्जरी पहली बार की गई है। मेट्रो हार्ट सेंटर के कार्डियक सर्जन डॉक्टर सुदीप चौधरी के मुताबिक मरीज संजीव कुमार सेन को दिली की मुख्य धमनी में सूजन आ गई थी। उससे संबंधित वाल्व भी ठीक से काम नहीं कर रहा था। ऐसे में बेंटल सर्जरी की गई जो पूरी तरह सफल रही।
सफल रही ओपन हार्ट बेंटल सर्जरी
करीब 5 दिन डॉक्टर्स की निगरानी में रखने के बाद मरीज संजीव कुमार डिस्चार्ज कर दिया गया है। डॉक्टर के मुताबिक कार्डिवस्कुलर सर्जरी का सबसे जटिल ऑपरेशन बेंटल सर्जरी का होता है। जो महाकौशल में पहली बार किया गया है।
2016 में शुरु हुआ था विभाग
ये विभाग 2016 में शुरू किया गया था। जिसमें अब तक 1058 हृदय संबंधी सर्जरी की जा चुकी है। अस्पताल नियमित रूप से मध्यभारत के जिलों में निःशुल्क हृदय जांच शिविर आयोजित करता है। 1 महीने से 18 वर्ष तक के बच्चों का जन्मजात हृदय की बीमारी का निःशुल्क ऑपरेशन भी करता है।
बेंटल सर्जरी क्या है?
जिन लोगों के आओर्टिक वाल्व खराब हो जाते हैं। महाधमनी बहुत अधिक फूल जाती है। उन मरीजों को इस ऑपरेशन की आवश्यकता पड़ती है। डॉक्टर सुदीप चैधरी का कहना है, कि यह ऑपरेशन काफी जटिल माना जाता है। ऐसे में अधिकांश सर्जन इसे नहीं करते हैं।
इस ऑपरेशन में एओर्टिक वाल्व के साथ ही महाधमनी को आर्टिफिशियल कंजूट वाला वाल्व से बदला जाता है। इस ऑपरेशन के दौरान सबसे अधिक खतरा खून के रिसाव का रहता है। यदि खून का रिसाव शुरू हो जाए तो मरीज की ऑपरेशन टेबल पर ही मौत की आशंका रहती है। इसके लिए कुछ एडवांस मेडिकल उपकरणों की भी आवश्यकता पड़ती है जो बड़ेरिया मेट्रोप्राइम में उपलब्ध हैं ।
मेट्रो हार्ट में 1000 से अधिक ओपन हार्ट सर्जरी
2016 में विभाग शुरू होने के बाद से मेट्रो हार्ट सेंटर में अब तक 1058 हृदय संबंधी सर्जरी की जा चुकी हैं। अस्पताल नियमित रूप से मध्यभारत के जिलों में निःशुल्क हृदय जांच शिविर आयोजित करता है। एवं 1 माह से 18 वर्ष तक के बच्चों का जन्मजात हृदय की बीमारी का निःशुल्क ऑपरेशन भी किया जाता है।
मरीज ने डॉक्टरों प्रकट किया आभार
मरीज संजीव कुमार ने डॉक्टरों की टीम के प्रति धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि मैंने जीवित रहने की सारी उम्मीदें खो दी थीं। मैं काफी लंबे समय से इस बीमारी से परेशान था। मुझे ऐसा लगने लगा था कि मैं कभी ठीक नहीं हो पाउँगा। लेकिन डॉक्टरों ने मुझे आत्मविश्वास और आशा दी कि आप ठीक हो सकते हो। उनकी इसी मेहनत ने मुझे नया जीवनदान दिया है मैं डॉक्टरों का तहे दिल से धन्यवाद दे रहा हूं।
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