हाइलाइट्स
- कटनी के 2.45 करोड़ के मुआवजा गबन का मामला
- EOW की कार्रवाई, पूर्व बिशप पीसी सिंह गिरफ्तार
- पूर्व बिशप पीसी सिंह के खिलाफ देशभर में 64 केस
Jabalpur EOW Action: आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ EOW ने देशभर में दर्जनों धोखाधड़ी के मामलों में लंबे समय से फरार चल रहे जबलपुर डायोसिस के पूर्व बिशप पीसी सिंह को कर्नाटक के मंगलोर से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के खिलाफ सबसे गंभीर मामला कटनी में रेलवे मुआवजा राशि के फर्जीवाड़े का है। पूर्व बिशप पीसी सिंह के खिलाफ मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान सहित अन्य राज्यों में 64 केस दर्ज हैं। इनमें से कई मामलों में आर्थिक अनियमितताएं और धर्म संस्थानों के नाम पर धोखाधड़ी शामिल है।
जमीन अधिग्रहण के 2.45 के मुआवजे का गबन
दरअसल, रेलवे विभाग ने कटनी के बार्लेय स्कूल की 0.22 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया था। इसमें पूर्व बिशप पीसी सिंह और एनडीटीए के चेयरमैन पॉल दुपारे ने मिलकर बार्स्लेय स्कूल की जमीन मुआवजा राशि का फर्जीवाड़ा किया। रेलवे ने इस स्कूल की 0.22 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की थी, जिसके बदले में 2 करोड़ 45 लाख 30 हजार 830 की मुआवजा राशि दी थी। यह राशि स्कूल और उसकी संचालन संस्था एनडीटीए के खाते में जानी थी, लेकिन दोनों ने फर्जी दस्तावेज बनाकर इसे हड़प लिया। उन्होंने फर्जी दस्तावेज बनाकर कोर्ट में प्रस्तुत किए और मुआवजे के लिए खुद को पात्र बताया।
कोर्ट को गुमराह करने की साजिश
जांच में पता चला कि पूर्व बिशप पीसी सिंह और संस्था के चेयरमैन पॉल दुपारे ने इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया था। दोनों मिलकर स्कूल प्रिंसिपल के नाम से कूटरचित पत्र तैयार कर अदालत में पेश किया, जिससे वे खुद को मुआवजा राशि प्राप्त करने का पात्र दिखा सकें। ये दस्तावेज पूरी तरह फर्जी पाए गए और अदालत को जानबूझकर गुमराह किया गया।
उन्होंने इस दस्तावेज के आधार पर करोड़ों रुपए अपने नियंत्रण में ले लिए थे। स्कूल का संचालन करने वाली संस्था एनडीटीए को मुआवजा राशि को जानकारी दी गई और न ही उससे कोई अनुमति ली गई। एनडीटीए को इस फर्जीवाड़े तब पता चला जब रेलवे से मिले मुआवजे का का कोई हिसाब-किताब नहीं मिला। जिससे साफ हो गया कि पीसी सिंह और उनके सहयोगी ने तय योजना के अनुसार साजिश को अंजाम दिया और सार्वजनिक संपत्ति की राशि हड़प ली।
EOW ने दर्ज किया था केस
मामले में पहले आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने आईपीसी की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी), और 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत केस दर्ज किया था, बाद में फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल होने की पुष्टि होने पर धारा 467, 468 और 471 भी लगाई। पूर्व बिशप पीसी सिंह के खिलाफ दिल्ली, एमपी, यूपी, राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, समेत कई राज्यों में 64 आपराधिक केस दर्ज हैं। इनमें से कई मामले फर्जीवाड़ा से जुड़े हैं।
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फर्जी दस्तावेजों से हड़प ली मुआवजा राशि
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ की जांच में सामने आया कि दोनों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मुआवजा राशि को एनडीटीए के अधिकृत खाते के बजाय अन्य बैंक खातों में स्थानांतरित किया था। इसके बाद इन पैसों को निजी कार्यों में इस्तेमाल किया गया। यह भी सामने आया कि एनडीटीए बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट एक्ट के तहत एक चैरिटी संस्था है और बिना चैरिटी कमिश्नर की अनुमति, न तो संपत्ति बेची जा सकती है और न ही मुआवजा प्राप्त किया जा सकता है।
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