जबलपुर। मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में नामीबिया से लाये गये आठ चीतों का पृथकवास समाप्त होने के बाद की सुविधा का निरीक्षण करने और उनके स्वास्थ्य एवं व्यवहार की निगरानी के लिए ‘पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय’ ने वैज्ञानिकों की तीन सदस्यीय समिति गठित की है। यह जानकारी एक अधिकारी ने मंगलवार को दी। अधिकारी ने बताया कि केएनपी में चीतों की निगरानी कर रही केन्द्र सरकार की टीम के अनुरोध पर नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर ने समिति का गठन किया है। शासकीय विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एसपी तिवारी ने कहा कि केएनपी में चीतों का पृथकवास समाप्त होने के बाद की सुविधा का निरीक्षण करने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि समिति में विश्वविद्यालय के ‘स्कूल ऑफ वाइल्डलाइफ फॉरेंसिक एंड हेल्थ’ के डॉ देवेंद्र पोधाडे, डॉ सोमेश सिंह और डॉ केपी सिंह शामिल हैं।
तिवारी ने कहा कि यह समिति चीतों के स्वास्थ्य और व्यवहार की निगरानी करेगी और जरूरत होने पर केएनपी का दौरा करेगी। मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1952 में भारत से विलुप्त हो चुके चीतों की आबादी को पुनर्जीवित करने की परियोजना के तहत इन चीतों को 17 सितंबर को कूनो राष्ट्रीय उद्यान के विशेष बाड़ों में पृथकवास में छोड़ा गया था। इनमें से अब तक तीन चीतों को पृथकवास क्षेत्र से निकालकर बड़े बाड़े में स्थानांतरित किया जा चुका है, जबकि बाकी पांच चीतों को भी चरणबद्ध तरीके से इस महीने के अंत तक बड़े बाड़ों में स्थानांतरित किया जाएगा। बड़े बाड़े में स्थानांतरित किए जाने के एक या दो महीने बाद इन चीतों को जंगल में स्वच्छंद विचरण के लिए छोड़ दिया जाएगा।